रोमाचंक गरतांग गली 59 साल बाद​ फिर पर्यटकों के लिए खुली

By भाषा | Updated: August 19, 2021 22:05 IST2021-08-19T22:05:37+5:302021-08-19T22:05:37+5:30

Exciting Gartang Gali reopens for tourists after 59 years | रोमाचंक गरतांग गली 59 साल बाद​ फिर पर्यटकों के लिए खुली

रोमाचंक गरतांग गली 59 साल बाद​ फिर पर्यटकों के लिए खुली

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी स्थित ऐतिहासिक गरतांग गली पर्यटकों के लिए 59 साल बाद अब फिर खोल दी गई है। गरतांग गली किसी समय में भारत-तिब्बत व्यापार की गवाह रही थी। करीब 11 हजार फुट की ऊंचाई पर बनी गरतांग गली की ​150 मीटर लंबी सीढ़ियों का 64 लाख रुपये की लागत से जुलाई में पुनर्निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह स्थल साहसिक पर्यटकों के लिए बहुत रोमांचकारी है। गरतांग गली की ये सीढ़ियां इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है और इंसान की ऐसी कारीगरी और हिम्मत की मिसाल देश के किसी भी अन्य हिस्से में देखने के लिए नहीं मिलती। वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद बंद कर दिए गए लकड़ी के इस सीढ़ीनुमा पुल को करीब 59 सालों बाद दोबारा पर्यटकों के लिए खोला गया है । फिलहाल एक बार में 10 लोगों को पुल पर भेजा जा रहा है। इस संबंध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि कोरोना वायरस नियमों और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बार में दस पर्यटकों को ही पुल पर जाने दिया जा रहा है । पेशावर से आए पठानों ने 150 साल पहले इस पुल का निर्माण किया था। आजादी से पहले तिब्बत के साथ व्यापार के लिए उत्तकाशी में नेलांग वैली होते हुए तिब्बत ट्रैक बनाया गया था। इसमें भैरोंघाटी के नजदीक खड़ी चट्टान वाले हिस्से में लोहे की रॉड गाड़कर और उसके ऊपर लकड़ी बिछाकर रास्ता तैयार किया था। इसके जरिए ऊन, चमड़े से बने कपड़े और नमक तिब्बत से उत्तरकाशी के बाड़ाहाट पहुंचाया जाता था। इस पुल से नेलांग घाटी का रोमांचक दृश्य दिखाई देता है। यह क्षेत्र वनस्पति और वन्यजीवों के लिहाज से भी काफी समृद्ध है और यहां दुर्लभ पशु जैसे हिम तेंदुआ और ब्लू शीप यानी भरल रहते हैं। वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद केंद्र सरकार ने उत्तरकाशी के इनर लाइन क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था और यहां के ग्रामीणों को एक निश्चित प्रक्रिया पूरी करने के बाद साल में एक ही बार पूजा अर्चना के लिए इजाजत दी जाती रही है। इसके बाद, 2015 से देश भर के पर्यटकों के लिए नेलांग घाटी तक जाने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से इजाजत दी गई। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गरतांग गली ट्रैकिंग के शौकीनों का एक मुख्य केंद्र बन रहा है और स्थानीय लोगों और साहसिक पर्यटन से जुड़े लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि पुल के पुनर्निर्माण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन इसे पुरानी शैली में जुलाई तक तैयार कर लिया गया।

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Web Title: Exciting Gartang Gali reopens for tourists after 59 years

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