"एक शख्स को कोर्ट रूम में आने की अनुमति दे देता तो अयोध्या विवाद के फैसले पर लग सकता था ग्रहण" पूर्व CJI ने अपनी आत्मकथा में किया खुलासा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 9, 2021 17:23 IST2021-12-09T17:18:19+5:302021-12-09T17:23:58+5:30

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद जस्टिस रंजन गोगोई ने अपनी आत्मकथा "जस्टिस फॉर द जज" में अयोध्या विवाद पर कई नए खुलासे किए।

ex-CJI Rajya Sabha MP Ranjan Gogoi said Stopped man from disrupting Ayodhya case claims in biography | "एक शख्स को कोर्ट रूम में आने की अनुमति दे देता तो अयोध्या विवाद के फैसले पर लग सकता था ग्रहण" पूर्व CJI ने अपनी आत्मकथा में किया खुलासा

"एक शख्स को कोर्ट रूम में आने की अनुमति दे देता तो अयोध्या विवाद के फैसले पर लग सकता था ग्रहण" पूर्व CJI ने अपनी आत्मकथा में किया खुलासा

Highlightsपूर्व मुख्य न्यायाधीश ने लिखा, "कोर्ट रूम में आने की अनुमति मांगने वाले शख्स के इरादे नेक नहीं थे।"वह प्रवेश की अनुमति के लिए रजिस्ट्री या महासचिव से कर रहा था संपर्क, वकील के माध्यम से नहीं।सुप्रीम कोर्ट का सही आगंतुक अपने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के माध्यम से विजिटर पास लेकर आता है।

भारत: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला करना आसान नहीं था। बुधवार को जारी हुई अपनी आत्मकथा "जस्टिस फॉर द जज" में इसको लेकर उन्होंने विस्तार से लिखा है। किताब में एक जगह उन्होंने लिखा कि "सुनवाई के बाद जिस दिन वह अपने फैसले को रिजर्व करने जा रहे थे, उस दिन कोर्ट रूम में आने के लिए एक शख्स ने मुझसे अनुमति मांगी थी, जिसे मैंने सख्ती से मना कर दिया था।"

कब की घटना है?

आत्मकथा में उन्होंने लिखा कि यदि उस शख्स को नहीं रोका गया होता तो अयोध्या का फैसला न हो पाता और केस फिर टालना पड़ता। हालांकि उन्होंने उस शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया है। 16 अक्टूबर 2019 को उस समय के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या विवाद पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद फैसला 9 नवंबर 2019 को सुनाया गया।

कैसे पता चला 

जस्टिस गोगोई ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, "16 अक्टूबर 2019 को करीब साढ़े ग्यारह और दोपहर के बारह बजे के बीच उनके सेक्रेटरी जनरल संजीव कालगांवकर ने उन्हें एक नोट दिया। इसमें लिखा था कि "वादी पक्षों में से एक का प्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश करने की अनुमति मांग रहा है।"

गोगोई ने और भी किए खुलासे

किताब में उन्होंने बताया, "मैंने महासचिव को हस्तलिखित उत्तर भेजकर कहा कि किसी भी परिस्थिति में उस शख्स को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अपने मामले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का सही आगंतुक हमेशा अपने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के माध्यम से विजिटर पास लेकर आता है। चूंकि वह प्रवेश के लिए रजिस्ट्री या महासचिव से संपर्क कर रहा था, मैंने महसूस किया कि उसका उद्देश्य नेक नहीं, बल्कि सुनवाई को बाधित करने के इरादे से वह आना चाहता है।"    

Web Title: ex-CJI Rajya Sabha MP Ranjan Gogoi said Stopped man from disrupting Ayodhya case claims in biography

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