Cash for questions: मोहुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों पर एथिक्स कमेटी चैयरमेन ने लगाई मुहर, कहा- 'दर्शन हीरानंदानी से हलफनामा मिला'
By आकाश चौरसिया | Published: October 20, 2023 04:56 PM2023-10-20T16:56:16+5:302023-10-20T16:59:57+5:30
चैयरमेन ने बताया कि तीन पन्ने के हलफनामे में दर्शन हीरानंदानी ने स्वीकार किया है कि उनकी टीएमसी सांसद से दोस्ती थी और दावा किया कि वो फेम पाने के लिए अडाणी समूह पर हमला कर रही थी।
नई दिल्ली: मोहुआ मोइत्रा के ऊपर लगे आरोपों पर एथिक्स कमेटी के चैयरमेन विनोद सोनकर ने मुहर लगा दी है और कहा कि उन्हें दर्शन हीरानंदानी से प्राप्त हुए ईमेल के जरिए हलफनामा मिला। उन्होंने बताया कि ईमेल में कैश फॉर क्वेश्चन से संबंधित कारोबारी दर्शन हीरननंदानी का हलफनामे मिला है, जिसमें टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए गए हैं।
इस तीन पन्ने के हलफनामे में दर्शन हीरानंदानी ने स्वीकार किया है कि उनकी टीएमसी सांसद से दोस्ती थी और दावा किया कि वो फेम पाने के लिए अडाणी समूह पर हमला कर रही थी।
हीरानंदानी के मुताबिक, मोहुआ 2019 में सासंद बनी, इसके बाद उन्हें दोस्तों ने बताया है कि अगर वो शॉर्टकट से फेम पाना चाहती हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार जुबानी हमला करती रहें। इसीलिए मोहुआ ने सोचा कि एक ही रास्ता ही जिसके जरिए प्रधानमंत्री को घेरा जा सकता है वो था अडाणी समूह को बदनाम करना, क्योंकि दोनों ही गुजरात से आते हैं।
इस ईमेल के जरिए भेजे पत्र में भी हीरानंदानी ने दावा किया कि मोहुआ मोइत्रा ने उनसे संसद की लॉग-इन आई डी जानकारी साझा की थी।
हलफनामे के मुताबिक, मोहुआ जानती थी कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अडाणी समूह के संयुक्त उद्यम धर्मा एलएनजी के साथ समझौता कर रहा है। इसके बाद ही उन्होंने कुछ प्रश्न संसद में उठाए, जिससे सरकार को बदनाम किया जा सके और सीधे अडाणी समूह को टारगेट किया जा सके। इसके साथ ही मोहुआ ने कारोबारी से ईमेल आईडी भी शेयर की थी। इसके साथ ही मैं उसे कुछ जानकारी भेज सकता था और इसी आधार पर वो सरकार पर सवाल उठा रही थी।
हीरानंदानी ने पत्र के जरिए यह भी दावा किया है कि मोहुआ ने गिफ्ट सपोर्ट करने और उपहारों की मांग की थी। लेकिन, इस बीच मोहुआ मोइत्रा इन दावों को सिरे से नकार चुकी हैं, उन्होंने कहा कि यह हलफनामा भाजपा के दबाव में तैयार किया गया है।
टीएसी सांसद ने पूछा कि हलफनामा सिर्फ सफेद पन्ने में कैसे हो सकता है और यह आधिकारिक लेटरहैड नहीं है। उन्होंने फिर कहा कि कोई सम्मानित कारोबारी ऐसे किसी पत्र क्यों हस्ताक्षर करेगा, जरुर ऐसा करने के लिए पीछे बंदूक का सहारा लिया गया है।