कूनो राष्ट्रीय उद्यान से भागे नामीबियाई चीते को बचाया गया, सुरक्षित वापस लाया गया पार्क
By अंजली चौहान | Updated: April 7, 2023 10:26 IST2023-04-07T10:22:39+5:302023-04-07T10:26:04+5:30
भारत में दो जत्थों में कुल 20 चीते भारत लाए गए थे। नामीबिया से आठ चीतों का पहला जत्था सितंबर 2022 में आया था और दक्षिण अफ्रीका से 12 अन्य चीतों को लाया गया था।

फाइल फोटो
इंदौर:मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से भागे हुए नामीबिया के नर चीते को आखिरकार पकड़ लिया गया है। भागने के बाद चीते को एक गांव में देखा गया था। करीब पांच दिनों से लापता चीता जब वापस पार्क में नहीं आया तो उसे वन विभाग की टीम ने शिवपुर जिले के जंगल से रेस्क्यू किया।
इस चीते का नाम ओबन है जिसे कूनो नेशनल पार्क में मादा नामीबियाई चीता आशा के साथ छोड़ा गया था। इसके बाद दो और नर चीतों एल्टन और फ्रेडी को भी छोड़ा गया था।
पांच दिनों से कूनो नेशनल पार्क से बाहर था नामीबियाई चीता
गौरतलब है कि 2 अप्रैल को ये चीता नेशनल पार्क की सीमाओं से बाहर चला गया और विजयपुर के झाड़ बड़ौदा गांव में देखा गया। ये कुनो नेशनल पार्क से 20 किलोमीटर दूर है। अगले दिन उसे पार्वती बड़ौदा गांव में एक नदी से पानी पीते हुए देखा गया था।
मंगलवार को वह कुछ देर के लिए राष्ट्रीय उद्यान की सीमाओं पर लौटा। हालांकि, वह पार्क में आने के बजाय नाहड़-सिलपुरा क्षेत्र के पास बफर जोन में पहुंच गया। वहां से वह पोहरी तहसील के पिपरवास जंगल गया जहां वो दो दिन तक रहा।
जब वह गांवों और जंगलों में घूम रहा था, तब आगरा फॉरेस्ट रेंज सहित कूनो की कई टीमें लगातार ओबन का पीछा कर रही थीं। पार्क में लौटने का कोई संकेत नहीं मिलने के बाद, वन विभाग की टीम ने गुरुवार को रामपुरा गांव में रहने के दौरान उसे ट्रैंक्विलाइज़र दिया और उसे वापस कूनो ले आई।
गांवों में ओबन की उपस्थिति स्थानीय लोगों को डरा रही है, जिन्हें सुरक्षित रूप से कूनो वापस ले जाने के बाद राहत मिली।
बता दें कि भारत में दो जत्थों में कुल 20 चीते भारत लाए गए थे। नामीबिया से आठ चीतों का पहला जत्था सितंबर 2022 में आया था और दक्षिण अफ्रीका से 12 अन्य चीतों को लाया गया था।