शिक्षा में अवसरों की समानता जरूरी, आधुनिक विज्ञान से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता : दत्तात्रेय होसबाले

By भाषा | Updated: October 21, 2021 20:57 IST2021-10-21T20:57:20+5:302021-10-21T20:57:20+5:30

Equality of opportunities in education necessary, modern science cannot be turned away: Dattatreya Hosabale | शिक्षा में अवसरों की समानता जरूरी, आधुनिक विज्ञान से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता : दत्तात्रेय होसबाले

शिक्षा में अवसरों की समानता जरूरी, आधुनिक विज्ञान से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता : दत्तात्रेय होसबाले

नयी दिल्ली , 21 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शिक्षा में अवसरों की समानता के महत्व को रेखांकित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि हम आधुनिक विज्ञान एवं तंत्र से मुंह नहीं मोड़ सकते क्योंकि आधुनिकता एवं भारतीय जीवन मूल्य परस्पर विरोधी नहीं हैं ।

आरएसएस के सरकार्यवाह ने देशभर में समाज के लोगों से मातृभाषा में शिक्षा के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं के समाधान के लिये प्रयास करने को भी कहा ।

दत्तात्रेय होसबाले ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं इससे जुड़े विषयों पर शिक्षाविद् अतुल कोठारी की चार पुस्तकों का विमोचन करते हुए यह बात कही । इन्हें प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

होसबाले ने कहा, ‘‘ समाज में सभी वर्गो को शिक्षा मिलनी चाहिए । शिक्षा प्रदान करने में अवसरों की समानता होनी चाहिए । ’’

उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के हवाले से कहा कि संस्कृति और विज्ञान का मेल होना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘‘ संस्कृति को बिगाड़ने वाला विज्ञान और विज्ञान को बिगाड़ने वाली संस्कृति ठीक नहीं है। इसमें संतुलन होना चाहिए । ’’

आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा, ‘‘हम आधुनिक विज्ञान एवं तंत्र से मुंह नहीं मोड़ सकते क्योंकि आधुनिकता एवं भारतीय जीवन मूल्य परस्पर विरोधी नहीं हैं । ’’

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि मातृभाषा या प्रादेशिक भाषा में शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रादेशिक भाषाएं , भारतीय भाषाएं ही हैं । उन्होंने कहा कि लेकिन इसके अनुपालन को लेकर काफी समस्याएं हो रही हैं जो अदालतों से लेकर अन्य विषयों से जुड़ी हैं । उन्होंने कहा , ‘‘ अब इससे कैसे निपटा जाए , इसको लेकर (समाज को) कोई रास्ता निकालना होगा । ’’

होसबाले ने कहा कि अंग्रेजो के जमाने में मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण व्यवस्था में खामियां आई , छात्रों में आत्मविश्वास की कमी एक प्रमुख खामी उभर कर सामने आई ।

उन्होंने स्वयं को मैकाले शिक्षा पद्धति का ‘ प्रोडक्ट ’ बताया ।

आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा कि ऐसे में नयी शिक्षा नीति एक महत्वपूर्ण पहल है जिससे शिक्षा बंधन से मुक्त होगी । उन्होंने कहा कि शायद ही किसी देश में शिक्षा नीति ऐसी होगी जिसको तैयार करने में पंचायत से लेकर संसद तक लाखों लोगों की राय ली गई । उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन कोई भी शिक्षा नीति हमेशा के लिये नहीं हो सकती । उसमें समय एवं परिस्थतियों के अनुरूप परिवर्तन होने चाहिए।

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Web Title: Equality of opportunities in education necessary, modern science cannot be turned away: Dattatreya Hosabale

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