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ईपीएफओ पर आई कोरोना की आंच, नौकरी छूट जाने से क्लेम 187 करोड़ बढ़ा, 250 करोड़ घटा

By आनंद शर्मा | Updated: July 30, 2021 20:40 IST

नागपुर विभाग की झोली में पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के रूप में रेवेन्यू काफी कम आया है, जबकि क्लेम के रूप में उसे बड़े पैमाने पर रकम का वितरण करना पड़ा है.

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ठळक मुद्देईपीएफओ के पांच कर्मचारियों की संक्रमण से मृत्यु हो गई और 90 कर्मचारी संक्रमित हो गए.कोरोना महामारी के चलते हजारों लोगों की नौकरियां छूट गईं. कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठान हमेशा के लिए बंद करने पड़े.

नागपुर: बीते लगभग सवा साल में कोरोना संक्रमण के चलते जहां एक ओर जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, वहीं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पर भी इसकी आंच आई है.

हालात यह हैं कि आज की तारीख में नागपुर विभाग की झोली में पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के रूप में रेवेन्यू काफी कम आया है, जबकि क्लेम के रूप में उसे बड़े पैमाने पर रकम का वितरण करना पड़ा है. इतना ही नहीं, यह काम करते समय ईपीएफओ के पांच कर्मचारियों की संक्रमण से मृत्यु हो गई और 90 कर्मचारी संक्रमित हो गए.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते हजारों लोगों की नौकरियां छूट गईं. कइयों की तनख्वाह कम हो गई. वहीं, कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठान हमेशा के लिए बंद करने पड़े. इसका असर यह हुआ कि ईपीएफओ में बीते एक साल में पीएफ क्लेम के मामले करीबन नब्बे हजार बढ़ गए. इससे ईपीएफओ की जेब से एक ही साल में 200 करोड़ रुपए अधिक निकल गए. जबकि, रेवेन्यू के नाम पर जमा होने वाले पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन में भारी गिरावट देखने को मिली है.

प्राप्त आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019-20 में ईपीएफओ नागपुर विभाग ने पीएफ क्लेम सेटलमेंट के 2 लाख 10 हजार 596 मामलों में 640 करोड़ 22 लाख 16 हजार रुपए का भुगतान किया. जबकि, पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के रूप में विभाग को औसतन 900 करोड़ रुपए का राजस्व मिला.

वहीं, वर्ष 2020-21 में विभाग ने पीएफ क्लेम सेटलमेंट के 2 लाख 97 हजार 42 मामलों में 827 करोड़ 64 लाख 87 हजार रुपए का भुगतान किया. इस अवधि में विभाग को पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के रूप में औसतन 650 करोड़ रुपए ही मिले. इस तरह, एक साल में विभाग का रेवेन्यू कम होकर क्लेम बढ़ गया.

एक साल में बढ गए 86,446 दावे

ईपीएफओ, नागपुर विभाग का कार्यक्षेत्र नागपुर, वर्धा, भंडारा, गढ़चिरोली, गोंदिया और चंद्रपुर इन छह जिलों में है. इनके तहत 15 हजार प्रतिष्ठान और 14 लाख 50 हजार पीएफ खाताधारक आते हैं. उन्हें सेवा देने के लिए विभाग में 180 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं.

ईपीएफओ के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विभाग में स्वीकृत पदों में से औसतन 30 पद रिक्त पड़े हैं. कोरोना महामारी के चलते 5 कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है और 90 कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं. इस सबके बीच बीते एक साल में क्लेम के मामले 86 हजार 446 बढ़े हैं.

राजस्व बढ़ाने का प्रयास

कोरोना महामारी के बीच ईपीएफओ नागपुर विभाग में क्लेम के मामले बढ़े हैं, लेकिन पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के रूप में राजस्व में कमी आई है. इस राजस्व को बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. विकास कुमार, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (1), ईपीएफओ.

टॅग्स :कर्मचारी भविष्य निधि संगठनमहाराष्ट्रनागपुर
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