घर पर टीकाकरण के दौरान कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं सामने आना उत्साहजनक: अदालत

By भाषा | Updated: August 12, 2021 14:50 IST2021-08-12T14:50:11+5:302021-08-12T14:50:11+5:30

Encouraging to see no adverse effects during home vaccinations: HC | घर पर टीकाकरण के दौरान कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं सामने आना उत्साहजनक: अदालत

घर पर टीकाकरण के दौरान कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं सामने आना उत्साहजनक: अदालत

मुंबई, 12 अगस्त बम्बई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह गौर करना उत्साहजनक है कि बिस्तर पर पड़े जिन बीमार लोगों को मुंबई महानगरपालिका द्वारा घर पर कोविड-19 रोधी टीका दिया गया था, उनमें से एक में भी कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आया।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि वह इसे लेकर संतुष्ट हैं कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) बिस्तर पर पड़े लोगों को टीका देने के संबंध में सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य के अन्य सभी निकायों और जिला परिषदों को इसका पालन करना चाहिए।

घर-घर टीकाकरण अभियान 30 जुलाई को मुंबई में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू हुआ था।

बीएमसी ने बुधवार को उच्च न्यायालय में एक हलफनामा पेश किया जिसमें कहा गया है कि बिस्तर पर पड़े 4,889 लोगों ने अब तक घर पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराया है और उनमें से 1,317 को टीका लगा दिया गया है।

हलफनामे में कहा गया है कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

अदालत ने कहा, ‘‘यह बयान बहुत उत्साहजनक है। हम इसे लेकर संतुष्ट हैं कि बीएमसी सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हम आशा और विश्वास करते हैं कि ऐसे और लोग घर पर टीकाकरण अभियान में शामिल होंगे।’’

पीठ अधिवक्ताओं धृति कपाड़िया और कुणाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और उन लोगों के लिए घर-घर टीकाकरण शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था जो बिस्तर पर या व्हीलचेयर पर हैं।

याचिका में कहा गया है कि ऐसे लोग टीकाकरण केंद्रों पर नहीं जा सकते। केंद्र ने टीकों की बर्बादी और प्रतिकूल प्रभाव के जोखिम के आधार पर घर-घर टीकाकरण अभियान शुरू करने में असमर्थता व्यक्त की थी।

महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने कहा था कि वह इस अभियान की शुरुआत करेगी और इसके लिए एक नीति तैयार की। यह अभियान मुंबई में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू हुआ था।

कपाड़िया ने बृहस्पतिवार को अदालत को बताया कि मीरा भयंदर महानगर पालिका और ठाणे महानगर पालिका ने भी घर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार की नीति के अनुसार और बीएमसी द्वारा अपनाए गए स्वरूप का पालन करते हुए राज्य भर में अन्य सभी नगर निगमों और जिला परिषदों को बिस्तर पर पड़े अस्वस्थ लोगों का घर पर टीकाकरण करने के कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’’

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि नौ सितंबर तय की।

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Web Title: Encouraging to see no adverse effects during home vaccinations: HC

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