जम्मू-कश्मीरः सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, भारी संख्या में जवान तैनात
By रामदीप मिश्रा | Updated: April 30, 2018 11:34 IST2018-04-30T11:34:06+5:302018-04-30T11:34:06+5:30
2017 में सुरक्षाबलों ने घाटी में 206 आतंकियों को ढेर किया है। साथ ही 75 युवाओं को वापस मुख्यधारा में लाकर खड़ा किया है।

जम्मू-कश्मीरः सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, भारी संख्या में जवान तैनात
श्रीनगर, 30 अप्रैलः जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच सोमवार को मुठभेड़ जारी है। यह मुठभेड़ सूबे के पुलवामा जिले के द्रबगाम इलाके में चल रही है। इस दौरान जवानों ने चारों ओर से इलाके को घेर लिया है और भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। बताया जा रहा है कि इलाके में दो से तीन आतंकी छिपे हो सकते हैं।
Latest visuals from J&K's Pulwama where an encounter is underway between terrorists & army at Drabgam. (Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/TxwjvlGVtn
— ANI (@ANI) April 30, 2018
इससे पहले 24 अप्रैल को भी त्राल के वन क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में सेना और पुलिस का एक-एक जवान शहीद हो गया था। इस मुठभेड़ में एक आतंकी को भी मार गिराया गया था।
गौरतलब है कि 2017 में सुरक्षाबलों ने घाटी में 206 आतंकियों को ढेर किया है। साथ ही 75 युवाओं को वापस मुख्यधारा में लाकर खड़ा किया है। ये वो युवक थे, जो या तो आतंक के साथ जुड़ चुके थे या फिर जुड़ने वाले थे। सीजफायर उल्लंघन और आतंकियों से मुठभेड़ में भी जवानों की शहादत बढ़ी है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सेना हर तरह का प्रयास कर रही है। आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार सीमा से सटे 5 जिलों के परिवारों के लिए 13029 बंकर बनाने की बात कह रही है। एनबीसीसी को भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र के गांवों में 14,460 बंकर बनाने का ठेका मिला चुका। यह काम 415.73 करोड़ रुपये में पूरा किया जायेगा।
कश्मीर के सांबा में 2,515 छोटे बंकर और 8 कम्युनिटी बंकर बनेंगे, जम्मू में 1200 छोटे बंकर और 120 कम्युनिटी बंकर बनेंगे। इसके अलावा राजौरी में 4,918 छोटे बंकर और 372 कम्युनिटी बंकर बनाए जाएंगे। वहीं कठुआ में 3,076 छोटे बंकर बनेंगे। पुंछ में 1,320 छोटे बंकर और 688 कम्युनिटी बंकर बनेंगे। बंकर निर्माण के इस कार्य में प्रायिकता को तीन श्रेणियों (पहली 0-1 किमी, दूसरी 1-2 किमी, तीसरी 2-3 किमी) में रखा गया है।