जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में मुठभेड़, लश्कर के शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी ढेर

By भाषा | Updated: July 23, 2021 16:32 IST2021-07-23T16:32:49+5:302021-07-23T16:32:49+5:30

Encounter in Jammu and Kashmir's Baramulla district, two terrorists including top Lashkar commander killed | जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में मुठभेड़, लश्कर के शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी ढेर

जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में मुठभेड़, लश्कर के शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी ढेर

श्रीनगर, 23 जुलाई जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच रातभर चली मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी मारे गए।

पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने बृहस्पतिवार को सोपोर के वारपोरा इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान चलाया।

अधिकारी ने बताया, ‘‘ तलाशी के दौरान आतंकवादियों के ठिकाने का पता चला और उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया। हालांकि आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण के बजाय सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिससे अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सुरक्षा बलों ने भी गोलीबारी का माकूल जवाब दिया।''

अधिकारी ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए। मुठभेड़ स्थल से उनके शव बरामद हो गए हैं। आतंकवादियों की पहचान लश्कर के शीर्ष कमांडर वारपोड़ा के निवासी फैयाज अहमद वार उर्फ रुकना उर्फ उमर और चेरपोरा बडगाम के रहने वाले शाहीन अहमद मीर उर्फ शाहीन मौलवी के रूप में हुई है।

उन्होंने कहा, ''पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए दोनों आतंकवादी विभिन्न आतंकवादी वारदातों में शामिल समूहों का हिस्सा रहे हैं और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।''

प्रवक्ता ने कहा कि वार 2008 से आतंकवाद से जुड़ा था।

उन्होंने कहा, ''हालांकि पहले उसने हथियारों और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था। रिहाई के बाद, उसने फिर से प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए काम किया और उसे पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था। हालांकि, मार्च 2020 में उसकी रिहाई के बाद, वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के आतंकवादी रैंक में शामिल हो गया।''

प्रवक्ता ने कहा कि वार कई आतंकवादी समूहों का हिस्सा होने के अलावा, सुरक्षा प्रतिष्ठानों और नागरिकों की हत्याओं के लिये आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में बहुत महत्वपूर्ण कड़ी था। वह उत्तरी कश्मीर में सबसे वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था।

उन्होंने कहा, ''वह आखिरी सक्रिय आतंकवादी था जिसने उत्तरी कश्मीर में सिलसिलेवार तरीके से विभिन्न आतंकवादी अपराधों और हिंसा को अंजाम दिया। इनमें पिछले साल मार्च में वारपोरा सोपोर में पुलिस दल पर हमला शामिल था। इस हमले में एक पुलिस कर्मी और एक नागरिक मारा गया था। इसके अलावा, वह पिछले साल अप्रैल में अहद बाबा चौराहे पर संयुक्त नाका दल पर हुए हमले में भी शामिल था। इस हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए थे।''

प्रवक्ता ने कहा कि वह ईदीपोरा बोमई के निवासी दानिश मंजूर नाजा की हत्या और मॉडल टाउन सोपोर में एक संयुक्त नाका दल पर हमले में भी शामिल था, जिसमें एक अन्य नागरिक और सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था।

अधिकारी ने कहा कि वह 12 जून को एसडीएच सोपोर के पास दो नगर पार्षदों और एक पुलिसकर्मी की हत्या और सोपोर के मेन चौक पर दो पुलिसकर्मियों व दो नागरिकों के कत्ल में शामिल था।

उन्होंने कहा कि वह पुलिस और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर कई ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था।

प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से दो एके-47 राइफल और चार मैगजीन समेत अपराध में इस्तेमाल होने वाली सामग्री, हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है।

कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बिना किसी नुकसान के पेशेवर तरीके से सफल अभियान चलाने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों को बधाई दी।

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Web Title: Encounter in Jammu and Kashmir's Baramulla district, two terrorists including top Lashkar commander killed

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