दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में सोमवार को तेलुगु कवि वरवर राव द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के स्थायी चिकित्सा जमानत के उनके अनुरोध को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वरवर राव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच सुनवाई कर सकती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते 13 अप्रैल को वरवर राव की खराब स्वास्थ्य के आधार पर स्थायी जमानत की मांग और केस को हैदराबाद स्थानांतरित करने की अपील को खारिज कर दिया था।
खबरों के मुताबिक कवि वरवर राव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दी गई राव की अंतरिम जमानत 13 जुलाई को समाप्त हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट में वरवर राव ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपनी याचिका में कहा, “याचिकाकर्ता, 83 साल के प्रसिद्ध तेलुगु कवि हैं, जो बीते दो साल से अधिक समय से बतौर अंडर-ट्रायल कैदी जेल में रह रहे हैं और वर्तमान में हैं बंबई हाईकोर्ट द्वारा चिकित्सा आधार पर दिये गये अंतरिम जमानत पर हैं। उम्र और बढ़ती हुई बीमारी को मद्देनदर रखते हुए उनके मामले में जल्द सुनवाई की जाए क्योंकि उनका स्वास्थ्य बेहद घातक स्तर पर पहुंच गया है। ”
वरवर राव को 28 अगस्त 2018 को भीमा कोरेगांव मामले के सिलसिले में हैदराबाद से उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में 8 जनवरी 2018 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।
मालूम हो कि वरवर राव की गिरफ्तारी 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में की गई थी। जिसमें पुणे पुलिस ने दावा किया कि भड़काऊ भाषणों के द्वारा अगले दिन 1 जनवरी 2018 को पश्चिमी महाराष्ट्र के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)