नयी दिल्ली, 26 मार्च कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी बॉन्ड की ब्रिक्री पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि सर्वोच्च अदालत को चुनावी बॉन्ड को बेनकाब करना चाहिए क्योंकि यह एक पार्टी विशेष की मदद के लिए ‘मनी लॉन्डरिंग ऑपरेशन’ (धनशोधन का अभियान) बन गया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायाय को चुनावी बॉन्ड को बेनकाब करना चाहिए कि यह क्या बन चुका है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘चुनावी बॉन्ड एक पार्टी की मदद के लिए ‘मनी लॉन्डरिंग ऑपरेशन’, लेनदेन के सौदे की छिपी हुई व्यवस्था और कालेधन के भुगतान का पकड़ में न आने वाले जरिया बन गया है।’’
उन्होंने सवाल किया कि अगर इसे अब बेनकाब नहीं किया गया तो फिर कब किया जाएगा?
उच्चतम न्यायालय ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की ब्रिक्री पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने चुनावी बॉन्ड की आगे और बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने एक याचिका दायर कर इसकी मांग की थी और कहा था कि राजनीतिक दलों के वित्तपोषण और उनके खातों में पारदर्शिता की कथित कमी से संबंधित एक मामले के लंबित रहने के दौरान और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की आगे और बिक्री की अनुमति नहीं दी जाए।
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