बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव, 3 प्रभारी और 4 सह प्रभारी नियुक्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 25, 2025 17:56 IST2025-09-25T15:53:28+5:302025-09-25T17:56:55+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की उम्मीद है, वहीं पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अगले साल मार्च-अप्रैल में चुनाव प्रस्तावित हैं।

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नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दो प्रमुख ओबीसी चेहरों और पार्टी के सबसे अनुभवी चुनाव प्रबंधक केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव को क्रमशः बिहार और बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए अपना प्रभारी नियुक्त किया। अगले वर्ष होने वाले चुनाव सहित तीन राज्यों के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियुक्तियां करते हुए भाजपा ने अपने उपाध्यक्षों में से एक बैजयंत 'जय' पांडा को तमिलनाडु में विधानसभा चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किया है, जहां वह अन्नाद्रमुक की कनिष्ठ सहयोगी है।
BJP appoints party leader Dharmendra Pradhan as its Bihar election incharge. Party's CR Paatil and Keshav Prasad Maurya appointed as co-incharges. pic.twitter.com/cZFz09ybO8
— ANI (@ANI) September 25, 2025
BJP leader Bhupendra Yadav appointed as the party's election incharge for West Bengal; Biplab Kumar Deb appointed co-incharge pic.twitter.com/7Vb2fUmQ2t— ANI (@ANI) September 25, 2025
BJP appoints party leader Baijayant Panda as its Tamil Nadu election incharge. Murlidhar Mohol appointed Tamil Nadu election co-incharge pic.twitter.com/BFfed3swAr— ANI (@ANI) September 25, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की उम्मीद है, वहीं पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अगले साल मार्च-अप्रैल में चुनाव प्रस्तावित हैं। भाजपा के एक बयान में कहा गया है कि पार्टी की गुजरात इकाई के प्रमुख केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिहार चुनाव के लिए सह-प्रभारी हैं।
इसमें कहा गया है कि त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी होगे और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल तमिलनाडु के सह-प्रभारी होगे। प्रधान और यादव दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं उन्होंने भाजपा के सबसे अनुभवी चुनाव प्रबंधकों में से हैं।
मौर्य भी ओबीसी जाति से आते हैं, जबकि देब बंगाली हैं, जो कउन्हें सौंपे गए राज्यों में पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से मददगार हो सकते हैं। प्रधान हरियाणा चुनावों के लिए प्रभारी थे, जबकि यादव ने 2024 में होने वाले महाराष्ट्र चुनावों के लिए इसी तरह की भूमिका निभाई और भाजपा ने दोनों राज्यों में आश्चर्यजनक जीत हासिल की।
यद्यपि बिहार चुनाव के लिए प्रधान की औपचारिक नियुक्ति चुनाव के बहुत करीब की गई है, फिर भी वे राज्य के मामलों से जुड़े रहे हैं। वह 2010 के बिहार चुनावों में पार्टी के सह-प्रभारी थे, जब भाजपा-जद(यू) गठबंधन ने अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। प्रधान उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए भी प्रभारी थे,
जबकि यादव ने अतीत में बिहार और गुजरात सहित अन्य राज्यों में चुनावों की जिम्मेदारी संभाली थी। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के अभियान को आकार देने में केंद्रीय भूमिका निभाता है, इसलिए चुनाव प्रभारी राज्य के नेताओं के साथ सेतु का काम करते हैं और पार्टी की रणनीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सह-प्रभारी एजेंडा को लागू करने में उनकी सहायता करते हैं। भाजपा जहां बिहार में अपने मुख्य सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) के साथ सत्ता बरकरार रखने पर नजर गड़ाए हुए है, वहीं उसे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने की उम्मीद है, जहां वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए मुख्य चुनौती बनकर उभरी है, जो अगले चुनाव तक सत्ता में 15 साल पूरे कर लेंगी।
तमिलनाडु में भाजपा एक सहयोगी पार्टी की भूमिका में बनी हुई है, जो सत्तारूढ़ द्रमुक से मुकाबला करने के लिए अन्नाद्रमुक के नेतृत्व में एक मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है। पांडा इस वर्ष दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी थे, जब भाजपा 25 वर्षों से अधिक समय के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता में लौटी थी। अगले वर्ष पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के साथ-साथ केरल, असम और पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव होंगे।