निर्वाचन आयोग बिहार चुनाव में 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को डाक मत की सुविधा नहीं देगा

By भाषा | Updated: July 17, 2020 04:15 IST2020-07-17T04:15:57+5:302020-07-17T04:15:57+5:30

पिछले साल अक्टूबर में कानून मंत्रालय ने नियमों में संशोधन कर लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र वाले मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को डाक मत की सुविधा का विकल्प चुनने की अनुमति प्रदान की थी।

Election Commission will not give postal facility to voters above 65 years of age in Bihar elections | निर्वाचन आयोग बिहार चुनाव में 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को डाक मत की सुविधा नहीं देगा

निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर इस साल जून में मंत्रालय ने नियमों में एक ताजा बदलाव किया था

HighlightsEC ने उपचुनावों के दौरान 65 वर्ष से ज्यादा आयु के मतदाताओं को डाक मत की सुविधा नहीं देने का निर्णय लिया। आयोग ने कर्मचारियों, साजो-सामान संबंधी बाधाओं और कोविड-19 सुरक्षा नियमों के मद्देनजर यह निर्णय लिया है।

नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा चुनाव और निकट भविष्य में होने वाले उपचुनावों के दौरान 65 वर्ष से ज्यादा आयु के मतदाताओं को डाक मत की सुविधा नहीं देने का निर्णय लिया। आयोग ने कर्मचारियों, साजो-सामान संबंधी बाधाओं और कोविड-19 सुरक्षा नियमों के मद्देनजर यह निर्णय लिया है।

हालांकि, आयोग ने एक बयान में कहा कि 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं और आवश्यक सेवाओं में कार्यरत मतदाताओं के साथ ही कोविड-19 संक्रमित अथवा पृथक-वास में रहने वाले मतदाताओं को चुनाव में वैकल्पिक डाक मत की सुविधा प्रदान की जाएगी।

पिछले साल अक्टूबर में कानून मंत्रालय ने नियमों में संशोधन कर लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र वाले मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को डाक मत की सुविधा का विकल्प चुनने की अनुमति प्रदान की थी। हालांकि, निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर इस साल जून में मंत्रालय ने नियमों में एक ताजा बदलाव किया था, जिसमें 65 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु वाले मतदाताओं को डाक मत की सुविधा का विकल्प चुनने की अनुमति दी गई थी।

हाल ही में कांग्रेस, माकपा और राजद समेत कुछ विपक्षी दलों ने 65 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले मतदाताओं को डाक मत की सुविधा प्रदान किए जाने पर सवाल खड़ा किया था और दावा किया था कि ऐसा करने से पहले उनसे सलाह-मशविरा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि इससे ऐसे वोटों में हेरा-फेरी हो सकती है और मतदान प्रक्रिया को बाधित किया जा सकता है।

आयोग ने बयान में कहा कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर मतदान में आसानी के लिए उसने पहले ही प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए मतदाताओं की संख्या एक हजार तक सीमित कर दी है। इसके तहत, बिहार करीब 34,000 अतिरिक्त मतदान केंद्र बना रहा है जोकि 45 फीसदी अधिक है। इसके साथ ही कुल मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर करीब 1,06,000 हो जाएगी। 

Web Title: Election Commission will not give postal facility to voters above 65 years of age in Bihar elections

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