Delhi Election- विवादित बयानों पर EC का एक्शन, अनुराग ठाकुर पर तीन तो प्रवेश वर्मा पर चार दिन का बैन

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 30, 2020 17:14 IST2020-01-30T14:20:23+5:302020-01-30T17:14:00+5:30

चुनाव आयोग ने एक्शन लिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर  72 घंटे नहीं कर पाएंगे प्रचार। इसके साथ ही भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा पर 96 घंटे का बैन लगा दिया है। साथ ही आयोग ने वर्मा को चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान देने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब देने को कहा था।

Election Commission bans MoS Finance Anurag Thakur for 72 hours from campaigning, BJP MP Parvesh Verma banned for 96 hours. | Delhi Election- विवादित बयानों पर EC का एक्शन, अनुराग ठाकुर पर तीन तो प्रवेश वर्मा पर चार दिन का बैन

स्टार प्रचारकों की सूची से इतर नेताओं के प्रचार पर होने वाले व्यय को उम्मीदवार के चुनावी खर्च में शामिल किया जाता है।

Highlightsवादित बयान मामले में ठाकुर से मंगलवार को ही जवाब तलब कर चुका है।पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नेताओं के प्रचार का खर्च संबद्ध पार्टी के चुनाव प्रचार के खर्च में शामिल होता है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान विवादित बयान देने के मामले में चुनाव आयोग ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को तीन दिन और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा को चार दिन तक चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है।

आयोग द्वारा जारी आदेश में ठाकुर और वर्मा के बयानों से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने के कारण दोनों नेताओं को निर्दिष्ट अवधि के लिये चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। आदेश के अनुसार ठाकुर 30 जनवरी को शाम पांच बजे से अगले 72 घंटे तक और वर्मा 96 घंटे तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर सकेंगे।

इस मामले में ठाकुर पर रिठाला विधानसभा क्षेत्र में 27 जनवरी को एक जनसभा में विवादित नारे लगवाने और पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद वर्मा पर एक साक्षात्कार और एक जनसभा में सामाजिक सौहार्द्र को प्रभावित करने वाले बयान देने का आरोप है। इस मामले में दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) की जांच रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने दोनों नेताओं के बयानों को धार्मिक और सामाजिक सौहार्द्र प्रभावित करने वाला बताते हुये इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया।

उल्लेखनीय है कि आयोग ने इस मामले में बुधवार को ठाकुर और वर्मा को भाजपा के स्टार प्रचारक की सूची से बाहर करने का आदेश जारी किया था। आयोग ने दोनों नेताओं को प्रथम दृष्टया दिल्ली चुनाव में सामाजिक टकराव फैलाने वाले विवादित बयान देने के कारण भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से अलग करने का आदेश दिया था। निर्वाचन नियमों के मुताबिक स्टार प्रचारक के प्रचार अभियान का खर्च संबद्ध पार्टी के चुनावी खर्च में शामिल होता है।

इससे इतर अन्य नेताओं के प्रचार का खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जाता है। नियमानुसार पार्टी के चुनाव खर्च की कोई निर्धारित सीमा नहीं है जबकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी की चुनाव खर्च की सीमा 28 लाख रुपये निर्धारित है। आयोग ने भड़काऊ बयान देने के मामले में दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज शिकायत पर सीईओ कार्यालय से मिली रिपोर्ट के आधार पर ठाकुर और वर्मा से जवाब तलब किया था।

दोनों नेताओं ने अपने जवाब में सुनवाई के लिये उन्हें स्वयं पेश होने की अनुमति मांगते हुये कहा कि उनके बयान का मकसद धार्मिक आधार पर सामाजिक कटुता फैलाना नहीं था। आयोग ने निजी तौर पर पेश होकर पक्ष रखने की मांग को गैरजरूरी बताते हुये ठाकुर के कथित बयान को अवांछित और आपत्तिजनक करार दिया। वर्मा ने भी अपने जवाब में कहा कि उन्होंने एक साक्षात्कार में शाहीन बाग से जुड़े सवाल के जवाब में उक्त बयान दिया था जबकि विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा में दिये गये उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।

आयोग ने उनके बयान को भी आपत्तिजनक बताते हुये कहा कि इससे विभिन्न वर्गों के बीच कटुता फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। आयोग ने दोनों नेताओं के बयानों की आलोचना करते हुये संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल कर वर्मा को 96 घंटे और ठाकुर को 72 घंटे तक दिल्ली चुनाव के प्रचार में हिस्सा लेने और मीडिया में साक्षात्कार देने से प्रतिबंधित कर दिया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी कपिल मिश्रा को भी एक विवादित ट्वीट के कारण 25 जनवरी को दो दिन के लिये चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित किया था।

स्पष्ट है कि ठाकुर या वर्मा को भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर किये जाने के बाद भी अगर वे चुनाव प्रचार में शामिल होते हैं तो प्रचार में खर्च होने वाली राशि, उम्मीदवार के चुनाव खर्च में शामिल की जायेगी। आयोग के अवर सचिव पवन दीवान द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में ठाकुर और वर्मा के विवादित बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन होने संबंधी दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

उल्लेखनीय है कि ठाकुर पर रिठाला विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को एक जनसभा में भीड़ से विवादित नारे लगवाने का आरोप है जबकि पश्चिमी दिल्ली के सांसद वर्मा पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने वालों के बारे में विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। इस बीच आयोग ने विवादित बयान के मामले में पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे गुरुवार तक आयोग में अपना पक्ष रखने को कहा है।

आयोग ने ठाकुर से मंगलवार को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है। दोनों नेताओं को गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक जवाब देना होगा। आयोग ने वर्मा के बयान से चुनाव आचार संहिता का प्रथम दृष्टया उल्लंघन होने के आधार पर उनसे जवाब तलब किया है। वर्मा को जारी नोटिस में आयोग ने कहा है कि इस मामले में दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है।

नोटिस में आयोग ने कहा कि वर्मा ने एक साक्षात्कार में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बारे में भड़काऊ बयान दिया, जिसका सोशल मीडिया पर भी जिक्र किया गया है। इसके अलावा आयोग ने विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र में वर्मा द्वारा एक जनसभा में दिये गये भाषण में भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बारे में भड़काऊ बयान देने का हवाला देते हुये इसे प्रथम दृष्टया चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।

आयोग ने उनके बयान से सामाजिक सौहार्द्र प्रभावित होने की आशंका के कारण इसे जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन होने के आधार पर वर्मा को अपना पक्ष रखने को कहा है। आयोग ने नोटिस में कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत चुनाव के दौरान धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के आधार पर सामाजिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने वाले बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के सीईओ कार्यालय द्वारा आयोग को मंगलवार को भेजी गयी रिपोर्ट में ठाकुर और वर्मा द्वारा दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान विवादित और भड़काऊ बयान देने की पुष्टि की गयी थी। 

Web Title: Election Commission bans MoS Finance Anurag Thakur for 72 hours from campaigning, BJP MP Parvesh Verma banned for 96 hours.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे