कृषि व डेयरी उत्पादों को वैश्विक बाजार में जगह दिलाने के लिए बने प्रभावी नीति: मिश्र

By भाषा | Published: June 10, 2021 06:41 PM2021-06-10T18:41:03+5:302021-06-10T18:41:03+5:30

Effective policy made to give place to agriculture and dairy products in global market: Mishra | कृषि व डेयरी उत्पादों को वैश्विक बाजार में जगह दिलाने के लिए बने प्रभावी नीति: मिश्र

कृषि व डेयरी उत्पादों को वैश्विक बाजार में जगह दिलाने के लिए बने प्रभावी नीति: मिश्र

जयपुर, 10 जून राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य में कृषि, पशुपालन और डेयरी उत्पादों के लिए प्रभावी विपणन नीति बनाने पर बल दिया है ताकि ये उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना सकें।

उन्होंने कृषि और पशुपालन को राज्य के विकास का मुख्य आधार बताते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हुए आधुनिक विकास का लाभ किसान और पशुपालकों को मिलना चाहिए।

राज्यपाल मिश्र बृहस्पतिवार को यहां राजभवन से कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर और पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के विभिन्न भवनों का लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में ऑनलाइन सम्बोधन दे रहे थे।

मिश्र ने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही बड़ी आबादी की आजीविका का मुख्य आधार कृषि और पशुपालन ही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए खेती के अलावा किसान अनुपूरक आय के लिए पशुपालन पर निर्भर है, ऐसे में पशुधन के बेहतर प्रबन्धन के साथ पशुधन संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के दस्तावेजीकरण की जरूरत है। उन्होंने पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर को स्थान विशेष की विशेषताओं पर आधारित उत्पादों के प्रोत्साहन और विपणन के लिए कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोराना वायरस संक्रमण के इस दौर में जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है, राजस्थान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का 14 प्रतिशत व पशुपालन क्षेत्र का 12.5 प्रतिशत योगदान है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषि व पशुपालन क्षेत्र का विस्तार तेज गति से हो। उन्होंने कहा कि इन दोनों क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पिछले तीन बजट में राज्य सरकार ने एक से बढ़कर एक फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें आगामी वित्तीय वर्ष से कृषि का अलग बजट तथा कृषक कल्याण कोष में 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर गांव में डेयरी का विस्तार हो। इससे पशुपालकों को लाभ मिलेगा और डेयरी के बूथ खुलेंगे तो लोगों को रोजगार मिलेगा।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि और पशुपालन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, इसे देखते हुए सरकार प्रदेश में कृषि क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में जल की कमी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय खेती-किसानी के लिए जल संरक्षण के तरीकों पर भी कार्य कर रहे हैं।

कृषि व पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि कोरोना काल में किसानों और पशुपालकों की समस्याओं के निदान तथा उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार ने लगातार प्रयास किए हैं।

राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रशासनिक भवन व कृषि महाविद्यालय, नागौर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण तथा पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के नवीन पशुचिकित्सा व पशु विज्ञान महाविद्यालय भवन का शिलान्यास तथा जोधपुर, अविकानगर (टोंक), रतनगढ़ (चूरू), डूंगरपुर और झुंझुनूं के पशु विज्ञान केन्द्रों के नवीन भवनों का ऑनलाइन लोकार्पण किया।

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Web Title: Effective policy made to give place to agriculture and dairy products in global market: Mishra

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