शिक्षा मंत्रालय ने प्रस्तावित राष्ट्रीय सलाह मिशन के दस्तावेज पर सुझाव मांगा
By भाषा | Updated: November 5, 2021 20:04 IST2021-11-05T20:04:04+5:302021-11-05T20:04:04+5:30

शिक्षा मंत्रालय ने प्रस्तावित राष्ट्रीय सलाह मिशन के दस्तावेज पर सुझाव मांगा
नयी दिल्ली, पांच नवंबर उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को सलाह देने और पेशेवर मदद करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने प्रस्तावित राष्ट्रीय सलाह मिशन संबंधी प्रारंभिक दस्तावेज जारी किया है और इस पर सुझाव मांगा है।
शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि प्रस्तावित राष्ट्रीय सलाह मिशन पर यह प्रारंभिक दस्तावेज ‘ब्लूबुक आन मेंटरिंग’ नाम से तैयार किया गया है और इस दस्तावेज को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की वेबसाइट पर सुझाव/परामर्श आमंत्रित किये गए हैं ।
उन्होंने बताया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में राष्ट्रीय सलाह मिशन स्थापित करने का सुझाव दिया गया था और इसी के अनुरूप यह प्रारंभिक दस्तावेज तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि एक राष्ट्रीय सलाह मिशन की स्थापना की जाएगी, जिसमें उत्कृष्टता वाले वरिष्ठ/ सेवानिवृत्त संकाय का एक बड़ा समूह होगा। इसमें भारतीय भाषाओं में पढ़ा सकने वाले लोग शामिल होंगे, जो विश्वविद्यालय/कॉलेज के शिक्षकों को लघु और दीर्घकालिक परामर्श/व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार करेंगे।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कहा है कि आने वाली पीढ़ी को मजबूत आधार प्रदान करने के लिये शिक्षकों को तैयार करने में अध्यापक शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को तैयार करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके लिये बहुविषयक दृष्टिकोण और ज्ञान की आवश्यकता के साथ-साथ बेहतरीन मार्गदर्शक के निर्देशन में अभ्यास की जरूरत होती है।
नयी नीति के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अध्यापक, शिक्षा और शिक्षण प्रक्रियाओं से संबंधित अध्ययन प्रगति के साथ मूल्यों, भाषाओं, ज्ञान, लोकाचार और परंपराओं के प्रति जागरूक रहें।
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