ईडी ने 10,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुकी अनिल जयसिंघानी को किया गिरफ्तार, देवेंद्र फड़नवीस की पत्नी ने दर्ज कराया था मामला
By अनिल शर्मा | Published: April 8, 2023 12:59 PM2023-04-08T12:59:06+5:302023-04-08T14:22:17+5:30
ईडी की अहमदाबाद इकाई ने 10,000 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मध्य प्रदेश पुलिस की हिरासत से गिरफ्तार किया।
मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की पत्नी को ब्लैकमेल करने के आरोपी अनिल जयसिंघानी को आईपीएल से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया है। क्रिकेट सट्टेबाज और हवाला संचालक अनिल जयसिंघानी को प्रवर्तन निदेशालय की अहमदाबाद इकाई ने ₹10,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। जयसिंघानी 15 से अधिक मामलों में आरोपी है और सट्टेबाजी के मामले में तीन बार गिरफ्तारी का सामना कर चुका है।
मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की पत्नी अमृता फड़नवीस को रिश्वत देने की कोशिश करने और ब्लैकमेल करने की साजिश रचने के आरोप में जयसिंघानी और उसकी बेटी अनिक्षा को हाल में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि अमृता ने अनिक्षा के पिता अनिल जयसिंघानी को उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों में बचाने से इनकार किया, तो उनसे पैसे ऐंठने की भी कोशिश की गई। ईडी के अहमदाबाद कार्यालय ने शुक्रवार को पेशी वारंट के साथ मुंबई की एक अदालत का रुख किया और जयसिंघानी को हिरासत में लिया।
जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उसकी हिरासत की मांग की। ईडी अहमदाबाद की एक अदालत द्वारा जयसिंघानी के खिलाफ अतीत में जारी एक गैर-जमानती वारंट पर कार्रवाई कर रही थी। यह वारंट आईपीएल मैचों में कथित सट्टेबाजी से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में 2015 में जारी किया गया था। इस मामले की जांच संघीय एजेंसी कर रही है। समझा जाता है कि शुक्रवार को जयसिंघानी को हिरासत में लेने के बाद एजेंसी इस मामले में उसका बयान दर्ज कर रही है।
गौरतलब है कि गिरफ्तारी को लेकर जयसिंघानी बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। जस्टिस एएस गडकरी और पीडी नाइक की खंडपीठ ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह योग्यता से रहित है।
जयसिंघानी ने एक याचिका दायर की थी जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें 19 मार्च को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कानून के अनुसार 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया था। उनके अधिवक्ताओं, मृगेंद्र सिंह और मन्नान संघई ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद उन्हें मुंबई की सत्र अदालत में पेश किया गया था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मामले की निगरानी शिकायतकर्ता के पति द्वारा की जा रही थी, जो राज्य के गृह मंत्री हैं।