राजस्थान सरकार पर आर्थिक संकट, 14 हजार करोड़ रुपये की विकास योजनाओं में कटौती की तैयारी
By धीरेंद्र जैन | Published: January 10, 2020 06:02 AM2020-01-10T06:02:18+5:302020-01-10T06:02:18+5:30
वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश की विभिन्न विकास योजनाओं पर व्यय के लिए सरकार ने एक लाख 16 हजार 500 करोड़ रुपये का बजट रखा था, जिसे संशोधित अनुमानों को घटाकर एक लाख दो हजार करोड़ रुपये किया जा रहा है।
लगभग साढ़े तीन लाख रुपयों के कर भार से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार खजाने में आई कमी के चलते अपने मौजूदा बजट में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये की विकास योजनाओं में कटौती की तैयारी कर रही है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश की विभिन्न विकास योजनाओं पर व्यय के लिए सरकार ने एक लाख 16 हजार 500 करोड़ रुपये का बजट रखा था, जिसे संशोधित अनुमानों को घटाकर एक लाख दो हजार करोड़ रुपये किया जा रहा है।
गहलोत सरकार का दूसरे साल का बजट फरवरी माह में अंतिम सप्ताह में पेश हो सकता है। इसके लिए वित्त विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारी अगले वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान और इस वर्ष के संशोधित अनुमान तैयार कर रहा है।
इसी कड़ी में बजट को अंतिम रूप देने वाली कमेटियों की बैठकों में लगभग आधा दर्जन विभागों के बजट में कटौती को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार सर्वाधिक बजट का हिस्सा कृषि और उससे जुडी योजनाओं पर व्यय होगा।
कर्ज भार से जूझ रहीे सरकार ने कर्मचारियों के वेतन भत्तों के अलावा अन्य सभी भुगतान रोक दिये हैं। गहलोत सरकार पर एक तो कर्जभार बढ़ता जा रहा है और दूसरी और राजस्व संग्रहण में भी कमी आई है। इसके अलावा किसानों की कर्जमाफी और बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर भी प्रदेश सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।