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पृथ्वी को बचाने वाले न्यू अवेंजर संदीप चौधरी हर एक को वातावरण बदलाव आपात्काल के खिलाफ खड़े होने के लिए कर रहे हैं प्रेरित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2023 17:35 IST

वे इन्फ्लेक्टर इंडिया के सह संस्थापक हैं तथा अत्यधिक गर्मी और युव्ही किरणों को दूर रख कर ऊर्जा की बचत और तपमान में कटौती करने वाली क्रान्तिकारी हीड रिडक्शन तकनीक पर कार्य कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देराजस्थान के छोटे गाँव झुनझूनूं में जन्मे संदीप चौधरी ने बड़ा सपना देखा।वे अथक रूप से पृथ्वी के वायुमण्डल से कार्बन फूटप्रिंट को कम करने की दिशा में कार्यरत हैं।

सूरत: पर्यावरण की रक्षा कर हमारी धरती को सबके लिए बेहतर जगह बनाने वाले व्यक्तियों को 'सेव अर्थ एक्टिविस्ट' कहा जाता है। ऐसे ही एक एक्टिविस्ट है राजस्थान के झुंझुनूं के संदीप चौधरी। उनके प्रयासों को देख निश्चित रूप से उन्हेंं सेव अर्थ एक्टिविस्ट का सम्मान दिया जा सकता है।

कई सालों से संदीप चौधरी ऐसे कई प्रयासों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें पृथ्वी को अधिक हरित और अपने निवासियों के अधिक स्वास्थ्यपूर्ण जगह बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। अपने क्लायमेट टेक स्टार्ट अप द्वारा और विश्व के सबसे बड़े आन्दोलन के पीछे होने वाले समुदाय द्वारा वे धरती की रक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं।

राजस्थान के छोटे गाँव झुनझूनूं में जन्मे संदीप चौधरी ने बड़ा सपना देखा। एक सरल किसान परिवार में उनका जन्म हुआ था, लेकीन शुरुआत से ही जीवन और करिअर को ले कर उनकी सोच बड़ी थी। जब वे जयपूर आए, तब उन्होने कई अलग अलग क्षेत्रों में कार्य किया और अपने जीवन में बहुत भले और बुरे दिन देखे। पर कोई भी कठिनाई उन्हेंं उनके लक्ष्य से विचलित न कर पाई। 

उन्होंने आईटी क्षेत्र में करिअर का प्रयास किया और उसके बाद इलेक्ट्रिक शोरूम शुरू किया, उसके बाद रिअल इस्टेट क्षेत्र में कार्य किया तथा उसके बाद फिल्म क्षेत्र में वे आए। उसके बाद उन्होंने कॅपिटल मार्केट में कार्य किया और अंत में उन्होंने बँकसाथी टेक्नोलॉजीज यह अपनी व्हीसी- फंडेड 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिनटेक स्टार्ट अप को पृथ्वी को बचाने के दुनिया के सबसे बड़े अभियान के लिए छोड़ दिया।

इसके बाद वे अथक रूप से पृथ्वी के वायुमण्डल से कार्बन फूटप्रिंट को कम करने की दिशा में कार्यरत हैं। वे इन्फ्लेक्टर इंडिया के सह संस्थापक हैं तथा अत्यधिक गर्मी और युव्ही किरणों को दूर रख कर ऊर्जा की बचत और तपमान में कटौती करने वाली क्रान्तिकारी हीड रिडक्शन तकनीक पर कार्य कर रहे हैं। इन तकनिकी इन्स्टॉलेशन्स का ऑडीट किया गया है और उसमें पाया गया कि कम एअर कंडीशनिंग के कारण बिजली की खपत में लक्षणीय गिरावट हुई है और कार्बन उत्सर्जन 30% तक कम हुआ है।

संदीप चौधरी की नई दिशा में हासिल हुईं ये उपलब्धियाँ उद्योजक तथा संवेदनशील अभियानों के रचयिता के तौर पर है तथा पृथ्वी को बचाने वाले एक्टिविस्ट के रूप में उन्हें सरकार और कई राष्ट्रीय एवम् अन्तरराष्ट्रीय एजन्सीज ने सम्मानित किया है। वर्ष 2016 में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जपान जाने वाले दल के साथ आने के लिए उन्हेंं आमन्त्रित किया गया था। “ये है इंडिया" फिल्म उन्होंने देशभक्ति और नाट्य के आधार पर निर्मित की है। भारत सरकार की CII एजन्सी द्वारा 70 वे कान्स महोत्सव में ये है इंडिया फिल्म को प्रदर्शित किया गया था और फिल्म को बहुत सराहा गया था।

इस वर्ष के शुरू में उन्हेंं अमेरिकी विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट डीग्री भी प्रदान की गई है।ओडिशा के माननीय राज्यपाल द्वारा भारत की सबसे बड़ी शख़्सियत सम्मान भी दिया गया है। विश्व पर्यावरण दिन पर उन्हेंं दिल्ली में ग्लोबल बिजनेस अचिव्हर्स सम्मान से सम्मानित किया गया था। झी मीडिया ग्रूप ने उद्यमी के तौर पर उनकी बड़ी शुरुआत के लिए रायजिंग स्टार सम्मान दिया था। सीएनबीसी आवाज़ वारा बेस्ट टेक्नोलॉजी उद्योजक का पुरस्कार भी उन्हें प्राप्त है।

इन्फ्लेक्टर इंडिया के अलावा संदीप चौधरी ने येसवर्ल्ड इस सक्षम और बड़े समुदाय की स्थापना की है जो आज वैश्विक गर्मी और वातावरण बदलाव आपात्काल इन मनुष्यों के सामने होने वाले सबसे बड़े खतरों के बारे में बहुत ज़रूरी होने वाली जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कार्य करने के लिए समर्पित है। 

येसवर्ल्ड में पृथ्वी को बचाने की पहल के लिए कई युटीलिटीज प्रदान करने हेतु ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है और पर्यावरण की हानि किए बिना ग्राहकों के जीवन को लाभ पहुँचाने वाले उत्पाद और सेवाएँ उन्हें दी जाती है। पृथ्वी को बचाने वाले एक्टिविस्ट के तौर पर श्री चौधरी पर्यावरण के पोषण में योगदान देने वाली पद्धतियाँ और नावीन्यपूर्ण तरिकों पर ब्रेनस्टॉर्मिंग करते रहते हैं और उन पर प्रकाश डालते रहते हैं।

संदीप चौधरी पृथ्वी को बचाने के अभियान को सबसे बड़ा अभियान बना रहे हैं और हर एक को इससे जुड़ कर वातावरण से कार्बन उत्सर्जन कम करने के प्रति योगदान देने के लिए पुकार रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाली पीढियों के लिए हमारी पृथ्वी हमें जैसी मिली थी, उससे और बेहतर जगह बनाना हम में से हर एक का दायित्व है।

टॅग्स :अर्थ (प्रथ्वी)
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