सिर्फ 10 महीने पहले बनी पार्टी JJP ने हरियाणा में पासा पलटा, दुष्यंत चौटाला बने किंगमेकर, जानें पूरी कहानी
By पल्लवी कुमारी | Published: October 24, 2019 11:52 AM2019-10-24T11:52:56+5:302019-10-24T11:52:56+5:30
दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी ने इस चुनाव में 35 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। दुष्यंत चौटाला उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी मां और डबवाली से विधायक नैना चौटाला इस बार चरखी दादरी जिले में भद्रा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव-2019 के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बहुमत मिलती नहीं दिख रही है। बहुमत के आंकड़े से बीजेपी कुछ दूर नजर आ रही है। इस चुनाव में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने कमाल किया है और खुद दुष्यंत चौटाला किंगमेकर बनते दिख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुष्यंत चौटाला से बीजेपी और कांग्रेस दोनों संपंर्क करने की कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल और सुखबिर सिंह बादल को जेजेपी से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कहा जा रहा है कि दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस के ऑफर पर शर्त रखते हुए कहा है कि उन्हें सीएम पद की जिम्मेदारी दी जाए। खैर काउंटिंग के बाद नतीजे किसी के भी पक्ष में हो लेकिन दुष्यंत चौटाला का किंगमेकर बनना लगभत तय है।
जानें कैसे 10 महीने पहले बनी पार्टी से चौटाला ने इतना बड़ा गेम खेला
8 दिसम्बर 2018 को दुष्यंत चौटाला ने अपनी पार्टी जननायक जनता पार्टी का गठन किया। इंडियन लोक दल ने हरियाणा में चौटाला परिवार में मचे घमासान के बाद अजय चौटाला और उनके दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने अपनी नई पार्टी का गठन किया था। दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने इस चुनाव में 35 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। जिसके बाद उन्होंने अपना चुनावी कैम्पेन भी अच्छे प्लान किया था। दुष्यंत चौटाला का हरियाणा के युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ है। वो अच्छे वक्ता हैं, इसी वजह से हरियाणा के युवा वर्ग ने उनका साथ दिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिखा है। यहां पर त्रिशंकु विधानसभा के संकेत मिल रहे हैं। जिसका सीधा फायदा दुष्यंत चौटाला को होने वाला है। दुष्यंत चौटाला उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा की मौजूदा विधायक प्रेम लता से है। चुनाव में खेती-किसानी और युवाओं पर दुष्यंत चौटाला का फोकस रहा है।
JJP ने जींद उपचुनावों के दौरान अपनी पहली चुनावी सफलता का स्वाद चखा था। जब वह बीजेपी के बाद दूसरी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाल को टक्कर देने में सफल रही थी। जेजेपी को तब 37,681 वोट डाले थे।
कौन हैं दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला देश के सबसे युवा सांसदों में से एक थे। जब वह सांसद बने थे वह सिर्फ 25 साल के थे। दुष्यंत चौटाला खुद को चाचा देवीलाल की राजनीतिक विरासत का सबसे बड़ा दावेदार बताते हैं। देवीलाल जानेमाने किसान नेता और उप प्रधानमंत्री थे।
31 वर्षीय दुष्यंत चौटाला का जन्म हिसार में 3 अप्रैल 1988 को हुआ था। वह अपने परिवार की चौथी पीढ़ी के नेता हैं। दुष्यंत ने हिसार के सेंट मैरी स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू की है। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर हिमाचल प्रदेश से की है। खेल में उनको बॉस्केटबॉल, फुटबॉल और हॉकी में रुचि है। उन्होंने कैलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ साईंस इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली है।
कहा जाता है कि दुष्यंत चौटाला को पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए 27 जनवरी 2013 को अमेरिका जाना था। लेकिन 16 जनवरी को जेबीटी प्रकरण में इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को हिरासत में ले लिया गया, जिसकी वजह से वे आगे की पढ़ाई के लिए विदेश नहीं जा सके और उन्हें सियासत में कूदना पड़ा। दुष्यंत चौटाला सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। उनके ट्विटर और फेसबुक पर अच्छे फोलोअर्स हैं।