बिहार: नीतीश कुमार जनता दरबार में हुए लचर सरकारी व्यवस्था से दो चार, खुल गई सरकारी व्यवस्था की सारी पोल-पट्टी
By एस पी सिन्हा | Updated: November 14, 2022 15:53 IST2022-11-14T15:48:56+5:302022-11-14T15:53:36+5:30
बिहार की राजधानी पटना में जनता दरबार लगाए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस समय अवाक रह गये, जब उनके सामने एक शख्स एक मामले के निस्तारण के लिए दूसरी बार पहुंचा था।

फाइल फोटो
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जनता दरबार में सूबे भर से पहुंचे लोगों की शिकायतें सुनी। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के विभाग की पोल-पट्टी खुल गई। दरअसल, पश्चिमी चंपारण से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री के सामने ऐसी शिकायत लेकर पहुंचा कि वे सोच में पड़ गए। फरियादी ने तेजस्वी यादव के विभाग की पोल खोलते हुए कहा कि उसके परिजन की कोरोना से अस्पताल में ही मौत हो गई थी। लेकिन अनुमंडल अस्पताल का कहना है कि मौत कोरोना से नहीं हुई है।
इसके साथ ही फरियादी ने सीएम नीतीश कुमार को यह भी बताया कि उसे आज तक कोरोना मुआवजा भी नहीं मिला है। यह शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगाया। लेकिन सीएम के फोन पर प्रत्यय अमृत उपलब्ध नहीं हो सके। इसके बाद नीतीश कुमार ने विभाग के सचिव को अपने पास बुलाया और कहा कि इस मामले को देखिए। आज तक मुआवजा नहीं मिला।
फरियादी ने मुख्यमंत्री नीतीश से कहा कि मैं एक बार पहले भी आपके जनता दरबार में आ चुका हूं, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल पाई है। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि युवक दूसरी बार शिकायत लेकर आया है। इसकी शिकायत का निपटारा क्यों नहीं किया गया? आकिर दूसरी बार यह शिकायत लेकर पटना जनता दरबार में क्य़ूं आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से देखिए।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में शिक्षा की बदहाल व्यवस्था की शिकायत सुन एक साथ मुख्य सचिव, विभाग के अपर मुख्य सचिव और अंत में शिक्षा मंत्री की क्लास लगा दी। मुख्यमंत्री ने सभी से कहा कि यह क्या हो रहा है? हम बार-बार कह रहे कि नहीं पढ़ाने वाले शिक्षकों पर एक्शन लें। सख्त लहजे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बार-बार कहने के बावजूद स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ाने की शिकायतें अभी भी आ रही हैं। इसका मतलब है कि विभाग में कोई सुधार नहीं हो रहा है।