DU-CUET मिश्रण से दाखिले में छात्रों के सामने खड़ी हुई परेशानी, इस वजह से खारिज हो रहे आवेदन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 22, 2022 11:10 AM2022-10-22T11:10:23+5:302022-10-22T12:25:36+5:30
साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के नतीजों और कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया को लेकर स्पष्टता की कमी से परेशान छात्रों ने कॉलेज के चयन और भ्रम की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त किए।
नई दिल्लीः नई प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही आवेदनों की समीक्षा के दौरान कॉलेजों और उम्मीदवारों के लिए एक नई समस्या खड़ी हो गई है। उम्मीदवार अपने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUIT) के पेपर को स्कूल में पढ़े विषयों के खिलाफ (जो विषय पढ़ा हो, इससे इतर) मैप नहीं कर सकते हैं, जिसके कारण कॉलेजों में उनके आवेदन खारिज हो गए। वहीं केंद्र के बजाय राज्य के ओबीसी प्रमाणपत्र जमा करने वाले उम्मीदवारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी प्रवेश नियमों के अनुसार, प्रवेश के लिए उम्मीदवार केवल बारहवीं कक्षा में पढ़े हुए विषयों में सीयूईटी लिख सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के 'सब्जेक्ट-मैपिंग' के दौरान, छात्रों को अपने बारहवीं कक्षा के विषयों के खिलाफ लिखे गए सीयूईटी पेपरों को 'मैप' करना था।
साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के नतीजों और कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया को लेकर स्पष्टता की कमी से परेशान छात्रों ने कॉलेज के चयन और भ्रम की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त किए। अशोक कुमार पालीवाल नाम के छात्र ने लिखा, मैंने CUET परीक्षा के जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय में UG कोर्सेस के लिए आवेदन किया था। मुझे पहले चरण में रामजस कॉलेज में बीए (ऑनर्स) हिंदी मिला है लेकिन कॉलेज ने मेरा आवेदन निरस्त कर दिया है।
इससे जुड़ी दो अलग-अलग समस्याएं सामने आई हैं। अशोक कुमार के मामले में, जिनके राजस्थान बोर्ड में बारहवीं कक्षा में हिंदी (अनिवार्य), अंग्रेजी(अनिवार्य), हिंदी साहित्य, राजनीति विज्ञान और भूगोल थे, उन्हें उनके सीयूईटी स्कोर और वरीयताओं के आधार पर बीए (ऑनर्स) हिंदी में एक सीट की पेशकश की गई।
मैंने CUET परीक्षा के जरिए दिल्ली विश्वविद्यालय में UG कोर्सेस के लिए आवेदन किया था।मुझे पहले चरण में रामजस कॉलेज में B.A Hons Hindi मिला है लेकिन कॉलेज ने मेरा आवेदन निरस्त कर दिया है। pic.twitter.com/X0SwTjlgsE
— अशोक कुमार पालीवाल (@registani_) October 20, 2022
गौरतलब बात है कि अर्हता प्राप्त करने के लिए एक भाषा के पेपर और तीन डोमेन-विशिष्ट विषयों से CUET अंकों पर विचार किया जाता है। लेकिन अशोक कुमार का का वैकल्पिक हिंदी साहित्य पेपर उन डोमेन विषयों में से एक नहीं है जिसमें CUET आयोजित किया गया था। लिहाजा कॉलेज ने उनका आवेदन खारिज कर दिया। अशोक कुमार ने सीयूईटी में इतिहास का पेपर लिखा और इसे अपने बारहवीं कक्षा के हिंदी साहित्य के पेपर के खिलाफ मैप करने का प्रयास किया। गुरुवार उन्हें कॉलेज द्वारा सूचित किया गया कि "सब्जेक्ट मैपिंग'' मानदंडों को पूरा न करने के कारण उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है।
डीन (प्रवेश) हनीत गांधी ने कहा कि इस तरह के मामले में उम्मीदवार अपात्र होंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि “वे प्रवेश के लिए अर्हता प्राप्त नहीं करते हैं क्योंकि वे किसी भी सीयूईटी पेपर के खिलाफ अपने विषयों को मैप करने में सक्षम नहीं होंगे। अब हम पात्रता मानदंड से समझौता नहीं कर सकते। उन्हें तय कर दिया गया है और हमें उनका पालन करना होगा।"
दाखिले में ऐसे छात्रों के सामने परेशानी आई जिन्होंने सीयूईटी को केवल उन पेपरों में लिखा जो उनके पास बारहवीं कक्षा में नहीं थे। किरोड़ीमल कॉलेज के प्रवेश समन्वयक सिद्धार्थ लाहोन ने कहा कि यही एकमात्र कारण है कि कॉलेज ने अब तक आवेदन खारिज कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी हैं जहां उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए प्रमाण पत्र में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन हमने उनको इससे अवगत कराया है और इसका जवाब देने के लिए समय भी दिया है। लेकिन इन सब्जेक्ट मैपिंग मामलों में कुछ भी नहीं किया जा सकता।
डीयू ने 12 सितंबर को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए अपने स्नातक पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश के लिए पोर्टल की शुरुआत की थी। इस साल 67 कॉलेजों, विभागों और केंद्रों में 79 स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जा रहा है, जिसमें बीए पाठ्यक्रम के लिए भी 206 संयोजन शामिल हैं। साझा सीट आवंटन व्यवस्था (सीएसएएस-2022) तीन चरणों में आयोजित की जा रही है। पहला चरण दिल्ली विश्वविद्यालय में लागू होगा, दूसरे चरण में वरीयता भरना होगा और तीसरा चरण सीट आवंटन-सह-प्रवेश होगा।