डीपीसीसी सुनिश्चित करे किसी भी पार्क का इस्तेमाल किसी सामाजिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए ना हो: एनजीटी
By भाषा | Published: February 9, 2021 07:49 PM2021-02-09T19:49:36+5:302021-02-09T19:49:36+5:30
नयी दिल्ली, नौ फरवरी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी पार्क का उपयोग किसी सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए नहीं किया जाए।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पार्कों के उपयोग पर रोक लगाने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला दिया और कहा कि उल्लंघन के लिए डीडीए और नगर निकाय जवाबदेह होंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘डीपीसीसी कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए सतर्कता बनाए रखे और पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए आवेदक की शिकायतों के आलोक में कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करे।’’
एनजीटी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश और डीपीसीसी के निर्देशों के मद्देनजर, कोई भी पार्क सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक, विवाह या अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और उल्लंघनों के लिए डीडीए और एमसीडी के कार्यकारी अभियंता (बागवानी) जवाबदेह होगा।
एनजीटी ने कहा कि डीपीसीसी का एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का निर्देश विरोधाभासी है क्योंकि यदि पार्कों में ऐसा कोई सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक या विवाह समारोह आयोजित नहीं किया जाता है तो इस तरह का कोई सवाल ही नहीं उठता।
एनजीटी ने कहा, ‘‘डीडीए और एमसीडी के बागवानी विभाग द्वारा इसे सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। डीपीसीसी अपने निर्देशों को तदनुसार संशोधित कर सकता है और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार प्रतिबंधों को सख्ती से लागू कर सकता है।’’
अधिकरण दिल्ली में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पार्कों के अवैध और अनियमित उपयोग के खिलाफ बुधेला वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
मामला वार्ड नंबर 20, विकास पुरी, दिल्ली में दशहरा ग्राउंड पार्क के वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए अवैध उपयोग के आरोप के मद्देनजर उठाया गया था।
अर्जी में कहा गया था कि दशहरा मैदान में विवाह समारोह हो रहे हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
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