राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव मुसीबत में, चारा घोटाला मामले में सुनवाई पूरी, 15 फरवरी को सुनाई जएगी सजा, 139 करोड़ की अवैध निकासी मामला
By एस पी सिन्हा | Updated: January 29, 2022 18:49 IST2022-01-29T18:48:35+5:302022-01-29T18:49:23+5:30
आरोपियों में लालू प्रसाद यादव, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा, डॉ.आर.के.शर्मा, 5 आईएएस अधिकारी, 30 वेटनरी डॉक्टर, 6 एकाउंटेंट और 56 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं.

लालू यादव सहित अन्य आरोपियों को लेकर अदालत का फैसला आ सकता है.
रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एकबार फिर से बढ़ सकती है. चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी मामले में आज बहस पूरी हो गई. सीबीआई की विशेष अदालत अब इस मामले में 15 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी.
आज बहस पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 110 आरोपियों पर फैसला सुनाया जाएगा. ऐसे में यह कयास लगाये जाने लगे हैं कि लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है. इस मामले के आरोपियों में लालू प्रसाद यादव, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा, डॉ.आर.के.शर्मा, 5 आईएएस अधिकारी, 30 वेटनरी डॉक्टर, 6 एकाउंटेंट और 56 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. चारा घोटाले के सबसे बडे़ मामले (आरसी 47ए/96) में 139 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है.
Special CBI Court in Ranchi will pronounce on Feb 15 its judgment in Doranda Treasury scam case in which RJD chief Lalu Prasad Yadav is an accused
— ANI (@ANI) January 29, 2022
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सीबीआई की विशेष अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में आखिरी आरोपी डॉ शैलेश कुमार द्वारा मामले पर अंतिम बहस पूरी कर ली गई. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 15 फरवरी मुकर्रर की है. उसी दिन लालू यादव सहित अन्य आरोपियों को लेकर अदालत का फैसला आ सकता है.
इसके पूर्व सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि लालू प्रसाद यादव समेत मुकदमे का सामना करे रहे आरोपितों को अब उपस्थिति दर्ज करानी होगी. बता दें कि लालू प्रसाद यादव का इलाज दिल्ली में चल रहा है. वे पिछले कुछ महीने से उपचार के नाम पर बाहर हैं.
लालू यादव को 1996 में चारा घोटाले के कारण ही बिहार के मुख्यमंत्री पद को छोड़ना पड़ा था. इसके बाद उन्हें जेल जाना पडा था. चारा घोटाला के चार मामलों में उन्हें पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है. इन मामलों में उन्हें जेल में सजा भी काटनी पड़ी है. तत्काल वह जमानत पर बाहर आ गये हैं. वे चुनाव लड़ने से भी अयोग्य करार दिए जा चुके हैं.