‘किसी धर्म का प्रचार न करें’ : कथित जबरन धर्म परिवर्तन संबंधी वाद में अदालत ने आईएमए प्रमुख से कहा

By भाषा | Updated: June 4, 2021 18:58 IST2021-06-04T18:58:04+5:302021-06-04T18:58:04+5:30

'Don't propagate any religion': Court tells IMA chief in alleged forced conversion case | ‘किसी धर्म का प्रचार न करें’ : कथित जबरन धर्म परिवर्तन संबंधी वाद में अदालत ने आईएमए प्रमुख से कहा

‘किसी धर्म का प्रचार न करें’ : कथित जबरन धर्म परिवर्तन संबंधी वाद में अदालत ने आईएमए प्रमुख से कहा

नयी दिल्ली, चार जून दिल्ली की एक अदालत ने आईएमए के अध्यक्ष जे.ए.जयालाल को संगठन के मंच का प्रयोग किसी भी धर्म के प्रचार के लिए नहीं करने का निर्देश देते हुए कहा, “मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना” तथा उन्हें आगाह किया कि जिम्मेदार पद की अध्यक्षता करने वाले किसी व्यक्ति से हल्की टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जा सकती।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अजय गोयल ने जयालाल के खिलाफ दायर वाद में आदेश पारित किया। उनपर कोविड-19 रोगियों के उपचार में आयुर्वेद पर एलोपैथिक दवाओं की श्रेष्ठता साबित करने की आड़ में ईसाई धर्म का प्रचार कर” हिंदू धर्म के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक अभियान शुरू करने का आरोप लगाया गया।

शिकायतकर्ता रोहित झा ने कहा कि जयालाल हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए जोर देने के मकसद से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओट लेकर, अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और देश और उसके नागरिकों को गुमराह कर रहे हैं।

आईएमए के अध्यक्ष के लेखों और साक्षात्कारों का हवाला देकर, झा ने अदालत से लिखित निर्देश देकर उन्हें हिंदू धर्म या आयुर्वेद के लिए अपमानजनक सामग्री लिखने, मीडिया में बोलने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया है।

यह गौर करते हुए कि यह मुकदमा एलोपैथी बनाम आयुर्वेद के संबंध में एक मौखिक द्वंद्व का परिणाम प्रतीत होता है,अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि जयालाल द्वारा दिए गए आश्वासन कि वह ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, के आधार पर कोई आदेश देने की जरूरत नहीं है।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने तीन जून को पारित आदेश में निर्देश दिया, “उन्हें किसी भी धर्म के प्रचार के लिए आईएमए के मंच का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और इसके बजाय उन्हें चिकित्सा समुदाय के कल्याण और चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति पर ध्यान देना चाहिए।”

न्यायाधीश ने उन्हें भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों के विरोध में किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए और अपने पद की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए।

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Web Title: 'Don't propagate any religion': Court tells IMA chief in alleged forced conversion case

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