नवोन्मेषी अनुसंधान में बाधा उत्पन्न नहीं करें: केरल उच्च न्यालय ने राज्य सरकार से कहा

By भाषा | Published: July 20, 2021 03:21 PM2021-07-20T15:21:22+5:302021-07-20T15:21:22+5:30

Don't hinder innovative research: Kerala High Court to state government | नवोन्मेषी अनुसंधान में बाधा उत्पन्न नहीं करें: केरल उच्च न्यालय ने राज्य सरकार से कहा

नवोन्मेषी अनुसंधान में बाधा उत्पन्न नहीं करें: केरल उच्च न्यालय ने राज्य सरकार से कहा

कोच्चि, 20 जुलाई केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से कहा कि वह नवोन्मेषी अनुसंधान को बाधित नहीं करे और सवाल किया कि क्या किसी वैज्ञानिक को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा रक्त के फेंके जा चुके नमूने एकत्र करने की अनुमति दी जा सकती है, ताकि वह विभिन्न संक्रमणों एवं बुखार की पहचान करने वाली नैदानिक किट बनाने के मकसद से उसका प्रयोग कर सके।

न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने राज्य सरकार से कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति नवोन्मेषी अनुसंधान कर रहा है, तो आप उसके रास्ते में क्यों आते हैं?’’

अदालत ने राज्य सरकार के वकील से इस संबंध में सरकार से पता करने को कहा कि क्या रक्त के नमूने एकत्र करने के लिए वैज्ञानिक को अनुमति दी जा सकती है। उसने कहा कि यदि अनुमति दी जा सकती है, तो यह स्वीकृति एक सप्ताह में दी जाए। अदालत ने कहा, ‘‘इस अनुसंधान कार्य को होने दीजिए।’’

वैज्ञानिक ने रक्त के फेंके गए नमूनों को एकत्र करने की अनुमति देने का अनुरोध सरकार द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इस वैज्ञानिक ने यह भी कहा था कि यदि वह आगामी दो महीने में अपना अनुसंधान पूरा नहीं करता है, तो वह आवश्यक वित्तीय मदद नहीं लेगा।

वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उचित तरीके से अनुसंधान करने के लिए उसे अभी के उन महीनों के फेंके गए रक्त के नमूने चाहिए, जब राज्य में संक्रमण और बुखार के मामले अधिक हैं।

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Web Title: Don't hinder innovative research: Kerala High Court to state government

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