स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को लेकर आईएमए के देशव्यापी प्रदर्शन में शामिल हुए चिकित्सक

By भाषा | Updated: June 18, 2021 21:47 IST2021-06-18T21:47:46+5:302021-06-18T21:47:46+5:30

Doctors join IMA's nationwide protest over violence against health professionals | स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को लेकर आईएमए के देशव्यापी प्रदर्शन में शामिल हुए चिकित्सक

स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को लेकर आईएमए के देशव्यापी प्रदर्शन में शामिल हुए चिकित्सक

नयी दिल्ली, 18 जून स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की हालिया घटनाओं को लेकर और ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक बयान में कहा कि 3.5 लाख डॉक्टरों ने उचित कोविड प्रोटोकॉल के साथ इस प्रदर्शन में भाग लिया।

बयान में कहा गया है, ‘‘पूरे देश में, हर राज्य में, विभिन्न अस्पतालों में, डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने काला बैज, रिबन और काली शर्ट पहनी और 'सेव द सेवियर्स' के नारे लगाए और सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें अपलोड कीं।’’

इसमें कहा गया है कि 3.5 लाख डॉक्टरों ने, व्यक्तिगत रूप से और समूहों में उचित कोविड प्रोटोकॉल के साथ इसमें भाग लिया।

आईएमए ने कहा कि एएसआई, एपीआई, एफओजीएसआई जैसे अन्य विशिष्ट संगठनों के चिकित्सा पेशेवर भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए जबकि कई कॉर्पोरेट अस्पतालों ने डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करते हुए होर्डिंग लगाए।

बयान में कहा गया, ‘‘दिल्ली में एम्स के बाहर सहित 10 अलग-अलग जगहों पर डॉक्टरों, जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।’’

आईएमए और उसकी शाखाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें उनसे चिकित्सा बिरादरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कोविड टीकाकरण और इसके प्रोटोकॉल के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।

बयान के अनुसार, ‘‘कई मेडिकल कॉलेजों में छात्रों ने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार किया और वर्चुअल छात्र संसद का आयोजन किया जिसमें 1,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। आज, राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव, आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त से भी मुलाकात की और अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया।’’

शीर्ष चिकित्सा निकाय ने कहा कि महिला डॉक्टरों ने भी देश के विभिन्न हिस्सों में विशेष विरोध सभाओं का भी आयोजन किया।

डॉक्टरों ने अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने और अस्पतालों को "संरक्षित क्षेत्र" घोषित करने की मांग की है।

बयान में कहा गया है, ‘‘डॉक्टरों या पेशेवरों पर हमला करने वालों को त्वरित सुनवायी मोड के तहत दंडित किया जाना चाहिए। आईएमए का मानना ​​​​है कि भारत सरकार इस एकीकृत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया जताएगी और एक केंद्रीय कानून लाने के लिए कदम उठाएगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि चिकित्सा बिरादरी अस्पताल परिसर में बिना किसी डर के सेवा करे।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘आईएमए आग्रह करता है कि पीड़ित चिकित्सा बिरादरी को उपहार के रूप में 1 जुलाई, ‘डॉक्टर्स डे’ से पहले इन मांगों को पूरा किया जाए।’’

दिल्ली में, आईएमए और एफएआईएमए (फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) दोनों के डॉक्टरों का एक समूह इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने के लिए एम्स के मुख्य द्वार के बाहर तख्तियों के साथ खड़ा हुआ।

सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के डॉक्टरों ने अस्पतालों के अलावा केरल में सचिवालय और विभिन्न जिला मुख्यालयों के सामने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया।

आईएमए तमिलनाडु शाखा के लगभग 35,000 डॉक्टर भी राष्ट्रव्यापी विरोध में शामिल हुए।

आईएमए के मानद राज्य सचिव ए के रविकुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारे सदस्यों ने विरोध के संकेत के रूप में काला बैज पहना था। मरीजों के लिए हमारी चिकित्सा सेवा अप्रभावित रही।’’

हाल ही में जम्मू-कश्मीर और असम सहित देश के कुछ हिस्सों से डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा के मामले सामने आए हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Doctors join IMA's nationwide protest over violence against health professionals

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे