नयी दिल्ली, 11 जुलाई दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने रविवार को कहा कि बोर्ड ने हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को उसके वैध हिस्से का जल नहीं देने के मामले में निर्देश देने की अपील करते हुए उच्चतम न्यायालय जाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने दावा किया कि हरियाणा दिल्ली के खाते का 120 मिलियन गैलन पानी रोजाना (एमजीडी) रोक रहा है और पड़ोसी राज्य द्वारा यमुना में छोड़ा जा रहा पानी ‘‘अब तक के सबसे निचले स्तर’’ पर है।
चड्ढा ने कहा, ‘‘ दिल्ली के पास अपना जलस्रोत नहीं है। इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी संधियों के तहत दूसरे राज्यों से पानी मिलता है। इस साल कुछ अप्रत्याशित घटनाएं हुई हैं…हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी रोक दिया है।’’
दिल्ली जल बोर्ड, गर्मी के महीने में शहर की 1,150 एमजीडी जल आपूर्ति की मांग की जगह 945 एमजीडी जल की आपूर्ति ही कर पा रहा है। मौजूदा समय में दिल्ली को हरियाणा से 609 एमजीडी की जगह 479 एमजीडी जल ही मिल रहा है। इसके अलावा दिल्ली को 90 एमजीडी पानी भूजल से और 250 एमजीडी ऊपरी गंगा नहर से मिलता है।
चड्ढा ने कहा कि हरियाणा द्वारा 120 एमजीडी पानी रोके जाने की वजह से नदी पूरी तरह से सूख गई है और विभिन्न शोधन संयंत्रों में परिचालन क्षमता 40 से 50 प्रतिशत तक कम हो गई है।
उन्होंने बताया कि चंद्रावल जल शोधन संयंत्र एक दिन में 90 मिलियन गैलन (एमजीडी) की सामान्य क्षमता की जगह 55 मिलियन गैलन जल ही शोधित कर रहा है। चड्ढ़ा ने कहा कि पानी की आपूर्ति मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और एनडीएमसी इलाक़े में प्रभावित हैं, जहां राष्ट्रपति भवन, उच्चतम न्यायालय, प्रधानमंत्री आवास, दूतावास जैसे कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान स्थित हैं।
चड्ढा ने कहा, ‘‘दिल्ली, हरियाणा से न कोई भीख मांग रही है और न कोई एहसान। क़ानूनी रूप से बाध्यकारी संधियों के तहत जो कुछ उसका है, उसकी ही मांग हो रही है। अगर पड़ोसी राज्य मसौदा ज्ञापन का पालन करने में विफल रहता है तो हम उच्चतम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएंगे।’’
चड्ढा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ हरियाणा दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रहा है, इसलिए हम यमुना नदी में अब तक सबसे कम जलस्तर देख रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा सरकार के खिलाफ माननीय उच्चतम न्यायालय जाने का निर्णय लिया है और वह वहां अपील करेगा कि माननीय न्यायालय ने 1995 में जो तय किया था, वह वैध हिस्सा दिल्ली को मिले।’’
वजीराबाद जलाशय में घटे हुए जलस्तर की तस्वीरों को साझा करते हुए चड्ढा ने ट्वीट में कहा, ‘‘हरियाणा द्वारा यमुना में छोड़ा जा रहा पानी अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। एक फुट की गिरावट से भी शहर पर काफी प्रभाव पड़ सकता है लेकिन इस समय तालाब का जलस्तर 674.5 फुट से नीचे गिरकर 667 फुट हो गया। हरियाणा सरकार दिल्ली के वैध हिस्से को रोक रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा से यमुना में शून्य क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।’’
शनिवार को चड्ढा ने कहा था कि दिल्ली में जल संकट के लिए सिर्फ और सिर्फ हरियाणा सरकार जिम्मेदार है क्योंकि वह क़ानूनी रूप से तय मात्रा से 120 एमजीडी कम जल की आपूर्ति कर रही है।
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