दीपावली पर सीमावासियों को रात में रोशनी करने की अनुमति नहीं, 5 किमी के दायरे में पटाखे फोड़ने की भी मनाही- बीएसएफ

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 4, 2023 02:25 PM2023-11-04T14:25:09+5:302023-11-04T14:29:22+5:30

अब तो अधिकारियों ने जम्मू सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में पटाखे बेचने और फोड़ने पर भी प्रतिबंध लागू कर दिया है।10 दिन पहले पाक रेंजरों ने जम्मू सीमा के कई सेक्टरों में गांवों को गोलों की बरसात से पाट दिया तो सीमावासी हैरान रह गए थे।

Diwali Border residents not allowed to light lights at night on occasion bursting firecrackers within radius of 5 km is prohibited BSF | दीपावली पर सीमावासियों को रात में रोशनी करने की अनुमति नहीं, 5 किमी के दायरे में पटाखे फोड़ने की भी मनाही- बीएसएफ

फाइल फोटो

Highlightsबीएसएफ ने सीमा के 5 किलोमीटर के अंदर तक पटाखे फोड़ने की मनाही कीइसके साथ ही रात में रोशनी फैलाने के लिए भी प्रतिबंधसीमा सुरक्षा बल को लेकर कहीं न कहीं आशंका है, इसलिए सीमावासियों को चेताया है

जम्मू: कई सालों से सीजफायर की खुशी मनाने वाले सीमावासियों की खुशियों को इस बार ग्रहण लग गया है। सीमा सुरक्षा बल के निर्देशों के बाद वे पिछले कई दिनों से रात के अंधेरे में रातें काटने को मजबूर हैं। अब तो अधिकारियों ने जम्मू सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में पटाखे बेचने और फोड़ने पर भी प्रतिबंध लागू कर दिया है।

10 दिन पहले पाक रेंजरों ने जम्मू सीमा के कई सेक्टरों में गांवों को गोलों की बरसात से पाट दिया तो सीमावासी हैरान रह गए थे। पिछले एक साल से सीमा पर बनी हुई शांति के भंग होने का परिणाम यह है कि पाक सेना की गोलाबारी के डर से अब सीमावासी रात को अपने घरों की लाइटें नहीं जला पा रहे हैं। ऐसा करने के लिए उन्हें बीएसएफ ने निर्देश दिशा है।

वे बिना रोशनी के रातें तो काटने को तैयार हैं पर उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत खेतों में पक्की हुई फसलों को काटने के लिए श्रमिकों की कमी की है। चानना के सीमांत गांव के रहने वाले राजकुमार के बकौल, लंबे अरसे से बनी हुई शांति के भंग होते ही सबसे पहले वे प्रवासी श्रमिक उन्हें छोड़ कर भाग निकले हैं जिनके आसरे सही मायने में आजकल सीमांत गांवों में फसलों की पैदावार हो रही है।

अरनिया गांव के सीमावर्ती किसान बहुतेरी कोशिश कर रहे हैं कि प्रवासी श्रमिकों का सहारा मिल जाए। पर गोलीबारी के डर से प्रवासी श्रमिक मुंह मांगे मेहनताने पर भी उन खेतों में जाने को तैयार नहीं हैं, जो जीरो लाइन से सटे हुए हैं। नतीजतन गांववासियों को अपने सभी काम काज छोड़ कर फसलों को समेटने में जुट जाना पड़ा है। यह बात अलग है कि उस पार पाक सेना ने अपने किसानों को पहले ही चेताते हुए उस पार के खेतों से सभी फसलों को कटवा दिया था।

और अब प्रशासन के एक और आदेश ने उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, जम्मू सीमा के पांच किमी के दायरे में न ही इस बार दीवाली पर पटाखे बेचने की अनुमति होगी और न ही पटाखे फोड़ने की। अर्थात इस बार की उनकी दीवाली काली ही होगी। पहले ही फसलों और घरों को पाक गोलाबारी के कारण पहुंची तबाही के कारण उनकी परेशानी कम नहीं थी और अब वे दीवाली की खुशी मनाने से भी वंचित कर दिए गए हैं।

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