कफ सिरप कांड में शामिल बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार, बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का ख़ास
By राजेंद्र कुमार | Updated: December 2, 2025 18:32 IST2025-12-02T18:32:06+5:302025-12-02T18:32:06+5:30
आलोक सिंह से कफ सिरप की तस्करी सिंडिकेट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही एसटीएफ़ धनंजय सिंह से पूछताछ करने का फैसला लेगी.

कफ सिरप कांड में शामिल बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार, बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का ख़ास
लखनऊ: प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी सिंडीकेट के अहम सदस्य एसटीएफ़ बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को भगोड़ा घोषित किए जाने के 24 घंटे की भीतर भी एसटीएफ ने मंगलवार की सुबह ही आलोक सिंह को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि देश से भागने के पहले आलोक प्रताप सिंह सुल्तानपुर रोड स्थित अपने घर से कुछ अहम दस्तावेज़ लेने के लिए पहुंचा था, उसी समय एसटीएफ़ के अधिकारियों ने उसके घर पर दविश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया.
आलोक सिंह बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी है. आलोक सिंह से एसटीएफ मुख्यालय में पूछताछ हो रही है. आलोक सिंह से कफ सिरप की तस्करी सिंडिकेट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही एसटीएफ़ धनंजय सिंह से पूछताछ करने का फैसला लेगी.
जल्दी होगी आलोक के करीबी नेताओं से पूछताछ
एसटीएफ के अफसरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश से देश के कई राज्यों सहित बांग्लादेश और नेपाल तक तस्करी के जरिए प्रतिबंधित कफ सिरप भेजने वाले सिंडीकेट के दो प्रमुख सदस्य अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि इस सिंडीकेट का प्रमुख शुभम जायसवाल दुबई भाग गया है. उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल को जरूर गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अभी तह शुभम एसटीएफ़ के हाथ नहीं आया है. उसे पकड़ने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है.
शुभम जायसवाल को लेकर एसटीएफ़ ने आलोक सिंह से भी पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि आलोक सिंह ने यह स्वीकार किया है कि अमित सिंह टाटा और शुभम जायसवाल के साथ मिलकर कफ सिरप सिंडीकेट बनाया गया. इस सिंडीकेट के यह तीनों लोगों के पूर्व सांसद धनंजय सिंह साथ तमाम फोटो और वीडियो एजेंसियों के हाथ लगे हैं. भाजपा के विधायक सुशील सिंह के भी कई फोटोग्राफ शुभम जायसवाल के साथ मिले है.
इन दो नेताओं से शुभम, अमित और आलोक के करीबी होने के सबूत हाथ लगने के बाद अब एसटीएफ़ यह पता लगा रही है कि देश के तमाम राज्यों और बांग्लादेश आदि देशों में नशीले कफ सिरप की तस्करी को लेकर धनंजय सिंह और सुशील सिंह की भूमिका है या नहीं.
गिरफ्तार आलोक सिंह में कबूला
एसटीएफ़ के अधिकारियों के मुताबिक, पकड़े गए आलोक सिंह ने भी यह बताया है कि आजमगढ़ के विकास सिंह ने उसकी मुलाकात अमित सिंह और शुभम जायसवाल से करवाई थी. इसके बाद शुभम ने उसे अपने पार्टनर वरुण सिंह,गौरव और विशाल मेहरोत्रा से उसे मिलवाया। इन लोगों के कहने पर ही कफ सिरप की बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में तस्करी के लिए बीते साल जनवरी में धनबाद के पते पर अमित टाटा ने अपने नाम पर देवकृपा मेडिकल एजेंसी और उसके नाम से श्रेयसी मेडिकल एजेंसी के नाम से फर्म बनाई गई. पहली बार में कफ सिरप की तस्करी में आलोक सिंह और अमित टाटा ने पांच-पांच लाख रुपए लगाए और उन्हें 20 से 22 लाख रुपए तक मिले. आलोक के अनुसार धनबाद में सारा काम वरुण सिंह देखता था.
वाराणसी में कफ सिरप कारोबार करने के लिए अमित और आलोक ने वाराणसी से ड्रग लाइसेंस लेकर वहां भी फर्म खुलवाई। यहां अमित की फर्म का नाम श्री मेडिकल और आलोक की फर्म का नाम मां शारदा मेडिकल रखा गया. इन फर्मों का भी सारा लेन देन शुभम जायसवाल और उसके साथी देखते थे. वाराणसी में भी शुभम की नजदीकी भाजपा विधायक सुशील सिंह के लोगों से हुई. एसटीएफ़ के कहना है कि अमित, आलोक और शुभम के सिंडीकेत ने 150 करोड रुपए से अधिक का कफ सिरप तस्करी कर देश के तमाम राज्यों सहित बांग्लादेश और नेपाल को भेजा है.