देश में विपक्षी एकता में जुटे नीतीश के घर में उभरने लगा कलह, जदयू एमएलसी ने खोला मोर्चा
By एस पी सिन्हा | Updated: June 26, 2023 15:17 IST2023-06-26T15:13:43+5:302023-06-26T15:17:23+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार एक तरफ तो भाजपा के खिलाफ देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी के विधान पार्षद रामेश्वर महतो ने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

देश में विपक्षी एकता में जुटे नीतीश के घर में उभरने लगा कलह, जदयू एमएलसी ने खोला मोर्चा
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक ओर जहां भाजपा के खिलाफ देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी जदयू में अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है। जदयू के विधान पार्षद रामेश्वर महतो ने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू को कमजोर करने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही रामेश्वर महतो ने उमेश कुशवाहा पर कुशवाहा समाज के नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
जदयू नेता महतो ने साफ कहा कि उमेश कुशवाहा में इतनी क्षमता नहीं है कि वह पार्टी के सभी लोगों को एकजुट कर साथ लेकर चलें। रामेश्वर महतो ने कहा कि कुशवाहा समाज के लोगों के साथ मुख्यमंत्री बैठक कर रहे हैं, मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। बैठक के बाद मुझे मीडिया से पता चला। जबकि उमेश कुशवाहा कि जिम्मेदारी थी ऐसी बैठक के लिए सभी को सूचित करें।
उन्होंने कहा कि पार्टी संसदीय बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दूर करने में उमेश कुशवाहा की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की महानता है कि उन्होंने उमेश कुशवाहा को फिर से पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। उमेश कुशवाहा को जिस तरह से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए वे नहीं कर पा रहे हैं और सिर्फ गुटबाजी में फंसकर रह गए हैं।
रामेश्वर महतो ने कहा कि उमेश कुशवाहा उन नेताओं में शामिल रहे हैं, जिन्हें यह बात कभी पसंद नहीं थी कि नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा कभी भी जदयू में लाएं। जबकि मुझे मुख्यमंत्री जी ने यह कहा था कि पार्टी को आगे बढ़ाने में उपेंद्र कुशवाहा के साथ मिलकर काम करें। यही बात उमेश कुशवाहा को पसंद नहीं थी, जिसके कारण मुझे दरकिनार कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उमेश कुशवाहा के कार्यों से यही लगता है कि पार्टी मजबूत हो या नहीं हो इससे उनको कोई मतलब नहीं है, वे खुद कैसे मजबुत हों इसमें अधिक दिमाग लगाते हैं।
उधर रामेश्वर महतो के आरोपों को प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आधारहीन बताते हुए कहा कि स्वार्थी और धूर्त लोगों का जदयू नोटिस नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि हर पार्टी की अपनी नीति और सिद्धांत होता है और सभी का एक प्रोटोकॉल है। रामेश्वर मेहता कभी उपेंद्र कुशवाहा का तो कभी भाजपा का गुणगान करते हैं। जिसको हम कुछ नहीं मानते हैं, उन्हें नोटिस लेने की जरुरत नहीं है।