'देश को बांटकर फांसीवादी शासन लाना चाहते हैं संघ और भाजपा', दिग्विजय सिंह ने साधा निशान
By राजेंद्र पाराशर | Updated: January 9, 2020 06:23 IST2020-01-09T06:23:32+5:302020-01-09T06:23:32+5:30
दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में गांधी, नेहरू, वामपंथी और फासीस्टवादी राजनीतिक विचारधारा ही मुख्यत: काम करती है. आरएसएस और भाजपा के मूल में हिटलर और मुसोलनी की विचारधारा ही कार्य कर रही है।

'देश को बांटकर फांसीवादी शासन लाना चाहते हैं संघ और भाजपा', दिग्विजय सिंह ने साधा निशान
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरएसएस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आरएसएस का रजिस्ट्रेशन नहीं है, उसने देश का तिरंगा जलाया है. आरएसएस के लोग देश को बांटकर फांसीवादी शासन लाना चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह यह बात राजधानी के उपनगर बैरागढ़ में चल रहे सेवादल के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि आरएसएस का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है, आरएसएस ने देश में तिरंगा को जलाया, आरएसएस के लोग देश को बांटकर फांसीवादी शासन देश में लाना चाहते है इस देश का भौगोलिक नक्शा कभी भी ऐसा नहीं रहा, जिनकी सभ्यता और संस्कृति एक समान हो विभिन्न जाति और सम्प्रदाय के लोग इस देश में निवास करते है.
उन्होंने कहा कि संविधान में एक वोट का अधिकार सबको दिया है, चाहे वह राजा हो या समाज का अंतिम व्यक्ति. उन्होंने श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बारे में बताया कि उन्होंने कश्मीर के मसले पर पंडित नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि पंडित नेहरू की कश्मीर नीति का समर्थन किया था, इस्तीफा तो श्यामाप्रसाद मुखर्जीे ने नेहरू और लियाकत समझौते के विरोध में दिया था.
संघ और भाजपा के मूल में काम कर रही हिटलर और मुसोलनी की विचारधारा
दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में गांधी, नेहरू, वामपंथी और फासीस्टवादी राजनीतिक विचारधारा ही मुख्यत: काम करती है. आरएसएस और भाजपा के मूल में हिटलर और मुसोलनी की विचारधारा ही कार्य कर रही है। ये लोग डंडे के जोर पर डांट डपटकर सत्ता और शासन को चलाना चाहते है. ये देश हजारों सालों से शंकराचार्य, निजामुद्दीन औलिया तथा संतो और फकीरों के बताए हुए मार्ग पर चलता रहा है. आज शंकराचार्य के द्वारा बनाये हुए मठ हमारे सनातन धर्म का पूर्ण रूप से प्रचार कर रहे है. इन लोगों ने नकली शंकराचार्य बनाकर धर्म को अपमानित करने का कार्य किया है बल्कि यहां तक कि एक आतंकवादी को शंकराचार्य की उपाधी आरएसएस और भाजपा के लोगों ने दी है.