ब्लैक फंगस से अस्पताल में जूझ रही बेटी, पिता ने लगाई इंजेक्शन के लिए गुहार, कहा- मेरी बेटी की जिंदगी अब कैसे बचेगी
By नितिन गुप्ता | Updated: May 26, 2021 21:26 IST2021-05-26T21:24:15+5:302021-05-26T21:26:10+5:30
मध्यप्रदेश में एक पिता अपनी बेटी के लिए इंजेक्शन की गुहार लगा रहे हैं. उन्हें डर है कि इंजेक्शन की कमी के चलते बेटी को खो न दें।

(फोटो सोर्स- स्क्रीनशॉट)
मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के इंजेक्शनो को लेकर अफरा तफरी का माहौल है, मरीज और उनके परिजन इंजेक्शन के लिए परेशान हैं । प्रदेश में इंजेक्शन के लिये कई मरीजो ने शोशल मीडिया पर गुहार लगाई है । अब देवास की 22 वर्ष की बिटिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि उसकी जान को ब्लैक फंगस है खतरा है, उसे इंजेक्शन की सख्त जरूरत है ।
एक वीडियो जारी कर उसने मार्मिक अपील करते हुए इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की मांग की है ,बिटिया का कहना है कि इंजेक्शन के बगैर मेरी तबीयत खराब हो रही है और सही से इलाज नहीं हो पा रहा है। बी फार्मा के अंतिम वर्ष की पढ़ाई करने वाली देवास की इस छात्रा पर पहले से ही मुसीबतों का पहाड़ टूटा है ,बेटी की मां कैंसर से पीड़ित है और बड़ी बहन मानसिक रोगी।
ऐसे में पूरे परिवार की आस सिर्फ इस बेटी पर टिकी है, लेकिन ब्लैक फंगस के जानलेवा रोग ने परिवार को बुरी तरह तोड़ दिया है । दरअसल देवास में रहने वाली स्नेहा गुप्ता उम्र 22 वर्ष, पिता अजय गुप्ता कोरोना से पीड़ित होने के बाद ठीक तो हो गई लेकिन ब्लैक फंगस ने उसकी आंखों की रोशनी छीन ली । एक आंख से दिखाई देना बंद होने के बाद उसे उसके पिता ने इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती तो करा दिया ।
लेकिन महंगे और दुर्लभ हो चुके इंजेक्शन की मार ने पिता को तोड़ कर रख दिया है। बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती बेटी को 5 इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं ,लेकिन पिता का कहना है कि उसे अभी और 40 इंजेक्शन की आवश्यकता है । पिता पुत्री ने सयुक्त vdo जारी कर “Amphotericin b 100 mg “injection. की उपलब्धता पर न सिर्फ सवाल उठाए बल्कि जान की भीख भी मांगी है।
पिता ने कहा कि अगर मेरी बेटी को 40 इंजेक्शन नहीं मिले तो वह हमेशा के लिए अंधी हो जाएगी, उन्होंने बताया कि बिटिया को 6 इंजेक्शन प्रतिदिन लगना है लेकिन सरकार ने 2 दिन पहले एक इंजेक्शन उपलब्ध करवाया था, उसके बाद आज 2 दिन हो गए इंजेक्शन नहीं मिला , उन्होंने यह भी बताया कि बॉम्बे हॉस्पिटल में 31 मरीज भर्ती है लेकिन अस्पताल से उन्हें बताया गया कि सिर्फ 23 इंजेक्शन मिले हैं, ऐसे में बेटी का इलाज और उसकी जिंदगी कैसे बचेगी यह तो सरकार ही बताएं।