देवेंद्र फड़नवीस के इस्तीफे को लेकर ममता बनर्जी ने कहा- उन्होंने किया सही काम, बीजेपी के पास नहीं था बहुमत
By रामदीप मिश्रा | Updated: November 26, 2019 19:37 IST2019-11-26T19:32:33+5:302019-11-26T19:37:31+5:30
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग बीजेपी द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया।

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महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास बहुमत नहीं होने के चलते देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार (26 नवंबर) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनपर हमला बोला है और कहा है कि उन्हें बहुमत साबित करने से पहले शपथ नहीं लेनी चाहिए थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि देवेंद्र फड़नवीस ने इस्तीफा देकर (महाराष्ट्र के सीएम के रूप में) सही काम किया, उनके पास बहुमत नहीं था। उन्हें बहुमत साबित करने से पहले शपथ नहीं लेनी चाहिए थी।
इसके अलावा उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को लेकर कहा कि मैंने कभी राज्यपाल से लड़ाई नहीं की, वह ऐसी स्थिति क्यों पैदा कर रही है? हमें पता है कि ऑर्डर कहां से आ रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी मेरे साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया है।
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in Kolkata: Devendra Fadnavis did the right thing by resigning (as Maharashtra CM), he did not have the majority. He should not have taken the oath in the first place before proving his majority. pic.twitter.com/45u9oKYGvM
— ANI (@ANI) November 26, 2019
आपको बता दें कि देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि जो तय नहीं हुआ था वो हमारे सर पर लादा गया। हम किसी के साथ ही जा सकते हैं। हमने तय किया किया जो चुनाव से पहले तय नहीं हुआ वो हम नहीं करेंगे। शिवसेना ने हमसे चर्चा करने के बजाए एनसीपी कांग्रेस के पास गए। हमारे पास बहुमत नहीं है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग बीजेपी द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया। एनसीपी और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।