हिरासत में चल रहे अलगाववादी नेता अशरफ सहराई का कोविड-19 से निधन

By भाषा | Updated: May 5, 2021 21:26 IST2021-05-05T21:26:08+5:302021-05-05T21:26:08+5:30

Detained separatist leader Ashraf Sahrai dies from Kovid-19 | हिरासत में चल रहे अलगाववादी नेता अशरफ सहराई का कोविड-19 से निधन

हिरासत में चल रहे अलगाववादी नेता अशरफ सहराई का कोविड-19 से निधन

जम्मू, पांच मई जम्मू-कश्मीर में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पिछले वर्ष जुलाई में हिरासत में लिए गए प्रमुख अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सहराई का बुधवार को कोविड-19 के कारण यहां के एक अस्पताल में निधन हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सहराई (77) का शव शाम को उनके परिवार को सौंप दिया गया और पुलिस सुरक्षा में उसे जम्मू से करीब 350 किलोमीटर दूर उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा ले जाया गया जहां कोविड-19 दिशानिर्देशों के मुताबिक उन्हें उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।

सहराई हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के करीबी माने जाते थे। पीएसए के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें ऊधमपुर की जिला कारागार में रखा गया था। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जम्मू के राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में भर्ती कराया गया।

उन्होंने कहा कि गिलानी के स्थान पर 2018 में तहरीक-ए-हुर्रियत का अध्यक्ष बनने वाले सहराई की कोविड-19 रैपिड एंटीजन जांच की गयी जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई थी लेकिन बाद में शाम को उनकी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आई जिसमें वह संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने कहा कि सहराई में कोविड के लक्षण थे और उनका ऑक्सीजन स्तर गिर गया था।

अधिकारियों ने कहा कि 13 जुलाई 2020 से उधमपुर की जेल में बंद सहराई विभिन्न गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित थे। सांस लेने में परेशानी होने के बाद मंगलवार शाम को उन्हें ऊधमपुर में के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें वहां से 55 किलोमीटर दूर राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। अलगाववादी नेता ने बुधवार दोपहर में अंतिम सांस ली।

सहराई का सबसे छोटा बेटा जुनैद अशरफ खान मार्च 2018 में आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया था। इसके बाद 19 मई 2020 को श्रीनगर में सुरक्षाबलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में वह मारा गया था।

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इस दौरान कई अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लिया गया था। गत वर्ष जुलाई में सहराई को पीएसए के तहत श्रीनगर में स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था।

मूल रूप से कुपवाड़ी जिले के लोलाब में टेकीपुरा गांव के रहने वाले सहराई कम उम्र से जमात-ए-इस्लामी में शामिल हो गए थे और छह दशकों से भी ज्यादा समय तक गीलानी के साथ रहे।

उन्हें कई बार सरकार विरोधी व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के चलते हिरासत में लिया गया।

जम्मू कश्मीर के विभिन्न सियासी दलों ने सहराई के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सज्जाद लोन ने सहराई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, " सहराई साहब एक आतंकवादी नहीं बल्कि राजनेता थे।"

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में कई राजनीतिक नेता ‘विशुद्ध रूप से’ अपनी राजनीतिक विचारधारा की वजह से लगातार हिरासत में हैं।

महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘ अशरफ शेहराई के आकस्मिक निधन की खबर जानकर गहरा दुख हुआ। उनकी तरह अनगिनत राजनीतिक कैदी और अन्य लोग विशुद्ध रूप से अपनी राजनीतिक विचारधारा एवं चिंतन प्रक्रिया के चलते निरंतर जेल में हैं। आज के भारत में किसी भी व्यक्ति को अपने विरोधी ख्याल की कीमत चुकानी पड़ती है।’’

महबूबा ने कहा कि केंद्र को हिरासत में लिये गये राजनीतिक नेताओं को तत्काल रिहा करना चाहिए।

जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अलगाववादी नेता के निधन पर दुख व्यक्त करते हुएकहा कि वह कश्मीर के चर्चित धार्मिक और विद्वान व्यक्ति थे।

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Web Title: Detained separatist leader Ashraf Sahrai dies from Kovid-19

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