नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। देश में जगह-जगह चीनी सामानों के बहिष्कार करने की मांग की जा रही है। इसी बीच सरकारी सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने बीएसएनएल से कहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाए। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने यह फैसला किया है कि बीएसएनएल के 4G इक्विपमेंट को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में सोमवार रात (15 जून) चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच का सीमा विवाद और भी बढ़ गया है।
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया।
भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया।
भारत, चीन की सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तरीय वार्ता बेनतीजा रही : सूत्र
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही । सैन्य सूत्रों ने इस बारे में बुधवार (17 जून) को जानकारी दी। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई।
छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया। मंगलवार (16 जून) को भी दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तरीय बातचीत हुई।
एक सूत्र ने बताया, ''दोनों पक्षों की ओर से हिंसक झड़प के मुद्दे उठाए गए। भारत ने क्षेत्र में पीछे हटने की प्रकिया में तेजी लाने को कहा। हालांकि कोई सफलता नहीं मिली।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत को अपने सैन्य बलों के शौर्य पर गर्व है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार (17 जून) को कहा कि सैन्य बलों ने सदैव अदम्य साहस का परिचय दिया है और दृढ़तापूर्वक भारत की संप्रभुता की रक्षा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ''पूर्वी लद्दाख में अपने राष्ट्र की रक्षा करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं। उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।''
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में अपने शुरुआती संबोधन का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को अपने सैन्य बलों के शौर्य पर गर्व है। उन्होंने हमेशा अदम्य साहस का परिचय दिया है और दृढ़तापूर्वक भारत की संप्रभुता की रक्षा की है।