संघ से जुड़े श्रमिक संगठन बीएमएस विनिवेश, निजीकरण और अनुबंध पर रोजगार के खिलाफ, तीन जनवरी को प्रदर्शन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 30, 2019 19:12 IST2019-12-30T19:12:17+5:302019-12-30T19:12:17+5:30

बीएमएस ने कहा, ‘‘हम सरकार को सजग करने के लिये तीन जनवरी 2020 को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।’’ संगठन ने बयान में कहा कि वह दिल्ली में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन करेगा।

Demonstration on 3 January, against union-affiliated labor organization BMS disinvestment, privatization and contract employment | संघ से जुड़े श्रमिक संगठन बीएमएस विनिवेश, निजीकरण और अनुबंध पर रोजगार के खिलाफ, तीन जनवरी को प्रदर्शन

संगठन ने विनिवेश, रणनीतिक बिक्री, निगमीकरण और सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर रोक लगाने की भी मांग की है।

Highlights बीएमएस ने कहा कि देश में औपचारिक क्षेत्र में ज्यादातर रोजगार या तो अनुबंध पर कर दिये गये हैं।रोजगार की सुरक्षा समाप्त हो गयी है और कामगारों पर कभी भी रोजगार जाने का जोखिम बना रहता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कहा है कि वह विनिवेश, निजीकरण और अनुबंध पर रोजगार जैसी सरकार की नीतियों के खिलाफ तीन जनवरी को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा।

बीएमएस ने कहा, ‘‘हम सरकार को सजग करने के लिये तीन जनवरी 2020 को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।’’ संगठन ने बयान में कहा कि वह दिल्ली में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन करेगा। बीएमएस ने कहा कि देश में औपचारिक क्षेत्र में ज्यादातर रोजगार या तो अनुबंध पर कर दिये गये हैं या एक तय अवधि के लिये ही रोजगार दिया जा रहा है। इससे रोजगार की सुरक्षा समाप्त हो गयी है और कामगारों पर कभी भी रोजगार जाने का जोखिम बना रहता है।

संगठन ने आंगनवाड़ी, आशा, पीडीएस, मिड डे मील, एनएचएम आदि योजनाओं के तहत काम कर रहे लोगों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की भी मांग की है। संगठन ने विनिवेश, रणनीतिक बिक्री, निगमीकरण और सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर रोक लगाने की भी मांग की है।

संगठन का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इस देश के औद्योगिक ढांचे की रीढ है। सरकार को इनका विनिवेश अथवा निजीकरण बंद करना चाहिये। बीएमएस ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बारे में कहा कि इसे तत्काल रोका जाना चाहिये।

उसका कहना है कि रक्षा क्षेत्र का उत्पादन भी कंपनियों के हवाले करना ठीक नहीं है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। बीएमएस ने रेलवे सेवाओं के निजीकरण को भी तुरंत रोकने की मांग की है। उसका कहना है कि भारतीय रेल आवश्यक सेवा है और भारतीय शहरों की जीवन रेखा है इसका निजीकरण नहीं होना चाहिये।

Web Title: Demonstration on 3 January, against union-affiliated labor organization BMS disinvestment, privatization and contract employment

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