जम्मू, 13 अक्टूबर सरकारी कर्मचारियों के एक समूह ने 900 से अधिक मुलाजिमों की बहाली और पिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में कार्यरत हजारों दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया।
जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति से जुड़े प्रदर्शनकारी प्रेस क्लब के बाहर इकट्ठा हुए और कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता (एचआरए) जारी करने तथा उन कर्मियों की पहचान करने के सरकार के फैसले की समीक्षा की मांग की जो ''काम में अप्रभावी हैं या 22 वर्ष की सेवा अथवा 48 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद काम करने के लिये उपयुक्त नहीं है।''
जेकेजीईजेएसी के अध्यक्ष बाबू हुसैन मलिक ने संवाददाताओं से कहा, “हम कर्मचारियों और दिहाड़ी मजदूरों की काफी समय से लंबित मांगों की ओर केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकारों का ध्यान आकर्षित करने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। हमारे पास एक लाख से अधिक दिहाड़ी मजदूर हैं, जो पिछले तीन दशकों से विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार उनके लिए नियमितीकरण नीति लाने में विफल रही है, जिसके कारण वे दयनीय जीवन जी रहे हैं। ”
उन्होंने कहा कि वे पिछले महीने समाज कल्याण विभाग की एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) में पर्यवेक्षकों के 900 से अधिक सहायकों की बर्खास्तगी का विरोध करते हैं और चाहते हैं कि सरकार उनके तीन महीने के लंबित वेतन को जारी करने के अलावा उन्हें बहाल करे।
ग्यारह सितंबर को, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन पर्यवेक्षकों को 918 सहायकों को तत्काल हटाने का आदेश दिया, जो काम के लायक नहीं माने जाने के बावजूद आईसीडीएस के विभिन्न क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ जुड़े हुए हैं।
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