'बुलडोजर कार्रवाई' को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को भेजा नोटिस, कहा- कानून के तहत होनी चाहिए कार्रवाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 16, 2022 14:09 IST2022-06-16T14:09:53+5:302022-06-16T14:09:53+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के साथ-साथ प्रयागराज और कानपुर के नागरिक अधिकारियों से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। न्यायाधीशों ने कहा, "सब कुछ निष्पक्ष दिखना चाहिए, हम अधिकारियों से केवल कानून के अनुसार कार्य करने की उम्मीद करते हैं।

"Demolitions Can't Be Retaliatory Measure" Supreme Court Notice To UP | 'बुलडोजर कार्रवाई' को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को भेजा नोटिस, कहा- कानून के तहत होनी चाहिए कार्रवाई

'बुलडोजर कार्रवाई' को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को भेजा नोटिस, कहा- कानून के तहत होनी चाहिए कार्रवाई

Highlightsशीर्ष अदालत ने कहा- तोड़फोड़ की कार्रवाई किसी का बदला नहीं हा सकतासरकार के साथ-साथ, प्रयागराज और कानपुर के अधिकारियों से भी मांगा जवाबमामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सर्वोच्च न्यायालय का खटखटाया था दरवाजा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुलडोजर कार्रवाई को लेकर नोटिस भेजा है। योगी सरकार ने हाल ही में हुई हिंसा के आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाकर उनके घरों को जमीदोज कर दिया था। इसी कार्रवाई को लेकर गुरुवार को देश की शीर्ष अदालत ने योगी सरकार को नोटिस जारी कर ये कहा है कि "बुलडोजर की कार्रवाई कानून के अनुसार होनी चाहिए, यह प्रतिशोध नहीं हो सकती"।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के साथ-साथ प्रयागराज और कानपुर के नागरिक अधिकारियों से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। न्यायाधीशों ने कहा, "सब कुछ निष्पक्ष दिखना चाहिए , हम अधिकारियों से केवल कानून के अनुसार कार्य करने की उम्मीद करते हैं। सुरक्षा सुनिश्चित करें ताकि कुछ भी अप्रिय न हो।" हालांकि अदालत ने विध्वंस पर रोक नहीं लगाई, न्यायाधीशों ने कहा: "हम विध्वंस नहीं रोक सकते। हम कह सकते हैं कि कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए।" मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

बता दें कि योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें कहा गया था कि वह उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिन्हें वे घरों के "अवैध" विध्वंस कहते हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि अदालत को यूपी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहना चाहिए कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई अन्य विध्वंस न हो। सुप्रीम कोर्ट ने इसी याचिका की सुनवाई पर यूपी सरकार से जवाब मांगा है।

हाल ही में दो बीजेपी नेताओं द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणियों के खिलाफ राज्य के अलग-अलग जगहों पर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के आरोपियों की संपत्तियों को बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था। तोड़े गए घर कानपुर, प्रयागराज और सहारनपुर में हुई हिंसा में शामिल आरोपियों के हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों को इस संबंध में नोटिस उनके घरों को गिराने के बाद दिए गए थे। 

Web Title: "Demolitions Can't Be Retaliatory Measure" Supreme Court Notice To UP

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