वाराणसी में कोविड-19 के मामलों में डेल्टा स्वरूप की बड़ी भूमिका

By भाषा | Updated: June 4, 2021 18:58 IST2021-06-04T18:58:24+5:302021-06-04T18:58:24+5:30

Delta Swaroop has a big role in cases of Kovid-19 in Varanasi | वाराणसी में कोविड-19 के मामलों में डेल्टा स्वरूप की बड़ी भूमिका

वाराणसी में कोविड-19 के मामलों में डेल्टा स्वरूप की बड़ी भूमिका

हैदराबाद, चार जून काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और सीएसआईआर- कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी), हैदराबाद ने साथ मिलकर वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस के स्वरूप का जीनोम अनुक्रमण किया है।

सीसीएमबी ने एक बयान में शुक्रवार को बताया कि अध्ययन में पता चला है कि इन इलाकों में कोरोना वायरस के कम से कम सात स्वरूप के ज्यादा मामले हैं।

बीएचयू में बहु-अनुशासनिक अध्ययन टीम ने अप्रैल 2021 में वाराणसी और इसके आसपास के इलाके से नमूने एकत्र किए थे। इस अध्ययन में 130 नमूनों का अनुक्रमण किया गया।

बीएचयू में बहु-अनुशासनिक अध्ययन टीम का नेतृत्व करने वाले एक प्रोफेसर ने बताया कि वायरस के चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) में से सबसे ज्यादा बी. 1.617. स्वरूप मिले। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर में इस स्वरूप की बड़ी भूमिका बतायी जाती है।

सीसीएमबी के सलाहकार डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि देश के अधिकतर हिस्से की तरह अध्ययन किए गए नमूनों में बी. 1.617.2 (डेल्टा) सबसे सामान्य स्वरूप था। कुल 36 प्रतिशत नमूनों में इस स्वरूप की मौजूदगी मिली। अन्य चिंताजनक स्वरूपों में दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिले बी.1.351 स्वरूप भी इस इलाके में मिले हैं।

इस अध्ययन से एक बार फिर से पुष्टि हुई है कि देश में डेल्टा स्वरूप सबसे ज्यादा प्रसारित हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी को रोकने के लिए दूसरे स्वरूपों पर भी नजर रखना जरूरी है।

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Web Title: Delta Swaroop has a big role in cases of Kovid-19 in Varanasi

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