नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में जारी लॉकडाउन से कई जगहों पर प्रदूषण स्तर न के बराबर हो गया है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां भी प्रदूषण के स्तर में बड़ी गिरावट हुई है, साथ ही दिल्ली के हवा की क्वालिटी में भी लगातार सुधार देखने को मिले। दिल्ली सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद भी दिल्ली की हवा की सेहत पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। एयर क्वालिटि इंडेक्स के द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की एयर क्वालिटि संतोषजनक है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़ों के अनुसार पीएम 2.5 लेवल के पॉल्यूटेंट्स 79 'संतोषजनक' श्रेणी में और पीएम 10 लेवल के पॉल्यूटेंट्स 139 'मध्यम' श्रेणी में दर्ज किया गया है।
दिल्ली और मुंबई के 10 क्षेत्रों का प्रदूषण से था बुरा हाल, लॉकडाउन के दौरान बदली तस्वीर
दिल्ली और मुंबई में प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित 10 क्षेत्रों के लिये लॉकडाउन संजीवनी बनकर आया। कोरोना वायरस के चलते देशभर के अधिकतर उद्योग बंद रहे, साथ ही वाहन भी सड़कों से नदारद रहे, ऐसे में दोनों शहरों के इन 10 इलाकों में या तो प्रदूषण बहुत कम हुआ है या फिर खत्म हो गया। वायु गुणवत्ता मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के निदेशक गुफरान बेग ने बताया था कि दिल्ली में प्रदूषण के हॉटस्पॉट (अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्र) अब हरित क्षेत्र बन गए हैं। उन्होंने लॉकडाउन से पहले और इसके दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आए बदलाव का मानचित्र दिखाते हुए कहा कि विनोबापुरी, आदर्श नगर, साहिबाबाद, आश्रम रोड, पंजाबी बाग, ओखला और बदरपुर को प्रदूषण का हॉटस्पॉट कहा जाता है। वहीं मुंबई के वर्ली और बोरीवली तथा भांडुप भी उन इलाकों में शुमार हैं, जहां मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) के अन्य क्षेत्रों की तुलना में हवा साफ हुई है। दिल्ली और मुंबई के इन इलाकों में मुख्य रूप से औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की आवाजाही के चलते अत्यधिक प्रदूषण देखा जाता था।
समझें कैसे तय होती है वायु गुणवत्ता
वायु गुणवत्ता सूचकांक के 51 से 100 से बीच रहने को संतोषजनक माना जाता है। इसके बाद 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।
जानें लॉकडाउन से पहले कैसा था हाल
सफर ने लॉकडाउन से पहले 1 मार्च से 25 मार्च तक दिल्ली, मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में हवा में पाए गए खतरनाक वायु प्रदूषकों पीएम 2.5, पीएम10 और एनओ2 की तुलना लॉकडाउन के बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल के दौरान हवा में मौजूद पीएम 2.5, पीएम10 और एनओ2 के स्तर से की। विश्लेषण में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 36 प्रतिशत, पीएम10 का स्तर 43 प्रतिशत और एनओ2 का स्तर 52 प्रतिशत तक कम हो गया। वहीं मुंबई में इस अवधि के दौरान पीएम 2.5 का स्तर 39 फीसद, पीएम10 का 43 फीसद और एनओ2 का 63 फीसद तक कम हो गया है। आंकड़ों के अनुसार पुणे में पीएम 2.5 के स्तर में 25 प्रतिशत, पीएम10 में 26 प्रतिशत और एनओ2 में 57 प्रतिशत तक कमी आई है। वहीं अहमदबाद में पीएम2.5 का स्तर 39 प्रतिशत, पीएम10 का स्तर 32 प्रतिशत और एनओ2 का स्तर 27 प्रतिशत तक गिर गया है। लॉकडाउन के दौरान न केवल वायु गुणवत्ता बल्कि नदियों की सेहत में भी जबरदस्त सुधार आया है।