नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में भड़की हिंसा पर अब नया खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक दंगाइयों के बीच जानबूझकर ये अफवाह फैलाई गई थी कि कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी सीएए प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गई थी।
NDTV में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली दंगों में मारे गए हेड कांस्टेबल रतन लाल मामले में पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि चांद बाग इलाके में दंगाइयों के बीच ये अफवाह जानबूझकर फैलाई गई थी कि कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हुई थी। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि ये अफवाह दंगाइयों ने जानबूझकर फैलाई थी ताकि भीड़ को सड़कों पर निकाला जा सके।
बता दें कि चांदबाग इलाके में पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की हत्या दंगाइयों ने कर दी थी। साथ ही डीसीपी अमित शर्मा पर जानलेवा हमला भी हुआ था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने काफी लोगों के बयान लिए थे, जिनका चार्जशीट में जिक्र है। गवाहों ने बताया कि चांदबाग में उस दौरान कुछ लोगों ने शोर मचाया कि कपिल मिश्रा के लोगों ने पंडाल में आग लगा दी है लेकिन हमने ऐसा कुछ होते देखा नहीं था। हालांकि इस मुद्दे पर कपिल मिश्रा की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है।
कपिल मिश्रा ने कहा था-हिंसा में भड़काने में नहीं कोई भूमिका
वहीं, इससे पहले कपिल मिश्रा ने कहा था कि दिल्ली में हिंसा में भड़काने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और उनके किसी आदमी ने कोई पत्थरबाजी नहीं की थी। इसके उलट उन्होंने कहा था कि वह वहां तनाव को खत्म करने के लिए मौजूद थे क्योंकि लोग गुस्से में थे। कपिल मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारियों की ओर से इलाके की दो अहम सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया था, जिसके चलते लोग बेहद आक्रोशित थे।
योगेंद्र यादव ने दिया था भाषण
हेड कॉन्स्टेबल की हत्या की चार्जशीट में योगेंद्र यादव के नाम का भी जिक्र किया गया है। जिसमें बताया गया कि चांदबाग के एंटी सीएए प्रोटेस्ट में हिंसा के पहले योगेंद्र यादव ने भाषण दिया था। हालांकि चार्जशीट में योगेंद्र यादव न तो आरोपी हैं और न ही कॉलम 11 (संदिग्ध आरोपी या अन्य) में उनका नाम है।