दिल्ली दंगे: अदालत ने मस्जिद जलाने के मामले में पिता-पुत्र पर आरोप तय किए

By भाषा | Updated: November 22, 2021 18:15 IST2021-11-22T18:15:22+5:302021-11-22T18:15:22+5:30

Delhi riots: Court frames charges against father-son in burning of mosque | दिल्ली दंगे: अदालत ने मस्जिद जलाने के मामले में पिता-पुत्र पर आरोप तय किए

दिल्ली दंगे: अदालत ने मस्जिद जलाने के मामले में पिता-पुत्र पर आरोप तय किए

नयी दिल्ली, 22 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान एक मस्जिद में कथित तौर पर आग लगाने, उसमें तोड़फोड़ करने और पथराव करने के मामले में पिता-पुत्र के खिलाफ आरोप तय किए।

शिकायत के मुताबिक 25 फरवरी, 2020 को दिल्ली के खजूरी खास इलाके में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए मस्जिद में तोड़फोड़ करने वाली हिंसक भीड़ में कथित रूप से शामिल रहे मिट्ठन सिंह और उसके बेटे जॉनी कुमार को आरोपी बनाया गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत आरोप तय किये और उनके वकीलों की मौजूदगी में स्थानीय भाषा में उन्हें इसे स्पष्ट किया। इस पर उन्होंने अपराध कबूल नहीं किया और मामले में मुकदमा चलाने के लिए कहा।

न्यायाधीश ने 20 नवंबर के एक आदेश में आरोपी के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि उन्हें मामले में बरी किया जाना चाहिए क्योंकि घटना की जानकारी तथा गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी हुई।

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी केवल इस आधार पर बरी किये जाने का दावा नहीं कर सकते।

अदालत ने कहा कि गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी इरादतन नहीं हुई और दंगों के दौरान तथा बाद में इलाके में बने हालात के कारण ऐसा हुआ।

अदालत ने कहा, ‘‘दंगों के सात दिन बाद भी इलाके में आतंक और सदमे का माहौल था। इन हालात में पुलिस को घटना की जानकारी करीब एक सप्ताह की देरी से देना जायज हो सकता है और इस स्तर पर अभियोजन पक्ष के मामले में नुकसानदेह नहीं हो सकता।’’

शिकायती इसराफिल के मुताबिक मिट्ठन सिंह और उसके बेटे जॉनी कुमार कथित तौर पर उस हिंसक भीड़ का हिस्सा थे जिसने 25 फरवरी, 2020 को उसके घर के बाहर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और उसमें आग लगा दी।

शिकायती के अनुसार उसे अपनी जान बचाने के लिए फातिमा मस्जिद में जाना पड़ा और तब भीड़ ने मस्जिद में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। शिकायत के अनुसार मिट्ठन सिंह ने अपने बेटे से मस्जिद में गैस का छोटा सिलेंडर फेंकने को कहा था।

फरियादी ने दावा किया कि पिता-पुत्र ने इसके बाद भीड़ के साथ मिलकर एक समुदाय विशेष के लोगों के घरों पर ज्वलनशील पदार्थ से भरी तीन बोतलें फेंक दीं।

विशेष सरकारी अभियोजक ने अदालत से कहा कि इसराफिल के अलावा चश्मदीदों मोहम्मद तय्यूब, महबूब आलम, शादाब और मोहम्मद अकरम ने भी नुकसान पहुंचाने वाली भीड़ में दोनों आरोपियों को उनके घरों तथा फातिमा मस्जिद में आग लगाते देखा था।

दूसरी तरफ दोनों आरोपियों के वकील ने दलील दी कि उन्हें गलत तरह से फंसाया गया था और पुलिस ने गवाह तैयार किए।

हालांकि न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (दंगे भड़काना), 148 (दंगा भड़काना, घातक हथियार से लैस होना), 149 (समान मंशा से किए गए अपराध की दोषी गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होना) और 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ से उपद्रव फैलाना) के तहत दोनों के खिलाफ आरोप तय करने होंगे।

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Web Title: Delhi riots: Court frames charges against father-son in burning of mosque

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