नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने अदालत को अहम जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा भाजपा सांसद के खिलाफ दर्ज कथित यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि बृज भूषण शरण सिंह ने कथित तौर पर पहलवानों को धमकी दी और उन्हें चुप रहने के लिए कहा। दिल्ली पुलिस की ओर से यह दलील गुरुवार, 4 जनवरी को दी गई। इस दिन पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आरोप तय करने के बारे में नए सिरे से बहस शुरू की गई।
बृज भूषण शरण सिंह पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले पहलवानों के बयान पुलिस के वकील ने पढ़ा जिसमें कहा गया, "आगे कुश्ती खेलनी है तो चुप रहना...मैं किसी का करियर बना सकता हूं बिगाड़ भी सकता हूं तो उसे बर्बाद भी कर सकता हूं।"
दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि बृज भूषण की धमकी भरी टिप्पणी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 506 के तहत अपराध है, जो आपराधिक धमकी से संबंधित है। एक अन्य शिकायतकर्ता के बयान का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि एक महिला पहलवान से बृज भूषण ने उनसे पूछा, मैं धोती कुर्ता में कैसा लग रहा था? पुलिस के वकील ने कोर्ट से पूछा कि क्या यह एक लड़की से पूछा जाने वाला सवाल है?
एक अन्य पहलवान की शिकायत का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि केवल महिलाओं को सह-आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के कार्यालय में प्रवेश की अनुमति थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि तोमर के कार्यालय के दरवाजे बंद रखे गए थे और उन्होंने किसी भी पुरुष पहलवान को प्रवेश करने से रोक दिया था।