Delhi-NCR Rains: दिल्ली में 2013 का रिकॉर्ड टूटा?, निगम बोध श्मशान घाट पर दाह संस्कार बंद, यमुना का जलस्तर कल सुबह 8 बजे 207.48m पहुंचने का अनुमान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2025 20:50 IST2025-09-03T20:33:18+5:302025-09-03T20:50:25+5:30
Delhi-NCR Rains: घाट पर मौजूद एक प्रबंधन अधिकारी ने बताया, ‘‘पहले परिसर में केवल बारिश का पानी ही प्रवेश किया था, लेकिन करीब सात से आठ फुट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई तथा उसका करीब दो फुट हिस्सा ढ़ह गया, जिससे यमुना का पानी अंदर आने लगा।’’

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नई दिल्लीः यमुना नदी का बाढ़ का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट में घुस गया है, जिसके चलते वहां दाह संस्कार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार यह जानकारी दी। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि अपराह्न में शवदाह गृह में दाह संस्कार रोक दिया गया तथा केवल सुबह शुरू हुई अंत्येष्टि ही पूरी कराई गई। लाल किले के पीछे रिंग रोड पर स्थित, निगमबोध घाट में 42 दाह स्थल हैं। यह शहर का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है। यहां औसतन प्रतिदिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं।
बढ़ते जल स्तर ने व्यवस्थाओं को बाधित कर दिया है। घाट पर मौजूद एक प्रबंधन अधिकारी ने बताया, ‘‘पहले परिसर में केवल बारिश का पानी ही प्रवेश किया था, लेकिन करीब सात से आठ फुट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई तथा उसका करीब दो फुट हिस्सा ढ़ह गया, जिससे यमुना का पानी अंदर आने लगा।’’ यमुना का जलस्तर कल सुबह 8 बजे 207.48m पहुंचने का अनुमान।
उन्होंने बताया कि घाट दोपहर ढाई बजे तक चालू था और उसके बाद कोई और दाह संस्कार नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी अब श्मशान घाट की सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, उसे किसी अन्य श्मशान घाट जाने का अनुरोध किया जाएगा।’’ दिन में पहले घाट परिसर में केवल वर्षा का पानी मौजूद था, लेकिन दोपहर ढाई बजे के बाद, यमुना का बाढ़ का पानी श्मशान घाट में प्रवेश करने लगा।
निगमबोध घाट पर 1950 के दशक में एक विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था। साल 2006 में नगर निगम द्वारा एक सीएनजी से चलने वाला शवदाह गृह भी बनाया गया था। दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर गई, क्योंकि जल स्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया था, जो तब से बढ़ता ही जा रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली के निचले इलाकों की सड़कों और बाजार में पानी भर गया जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजनू का टीला, मदनपुर खादर और बदरपुर के निवासी यमुनाजल स्तर बढ़ने के कारण अब अस्थाई आश्रय स्थलों में रह रहे हैं और पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
यमुना का जलस्तर बुधवार को दोपहर एक बजे 207 मीटर दर्ज किया गया। प्राधिकारियों ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया और लोहे के रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया। प्रभावित हुए इन परिवारों के लिए असली चुनौती तब शुरू होगी जब नदी का जलस्तर कम होना शुरू होगा क्योंकि उन्हें अपने जीवन को पटरी पर लाने के लिए नये सिरे से संघर्ष करना पड़ेगा।
मजनू का टीला के बाजार में पानी भरने के कारण सन्नाटा छा गया। दुकानदार अनुप थापा ने कहा, "हमने अपनी दुकान से ज्यादातर सामान हटा लिया लेकिन कुछ सामान खराब हो गया। पानी निकलने के बाद दुकान की मरम्मत करनी होगी जिसकी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी।" थापा अपनी पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ सड़क किनारे शिविर में रह रहे हैं।
उन्होंने बाढ़ के पानी के ऊपर बिजली के लटकते तारों को चिन्हित करते हुए कहा, "यह वर्ष 2023 के बाद दूसरी बार है। मैं सरकार से सड़कों को साफ करने और क्षेत्र को ठीक कराने का आग्रह करता हूं ताकि ऐसी घटनाएं फिर न हों।" मदनपुर खादर में झुग्गी में रहने वाले परिवार अब पुराने प्लास्टिक शीट के तम्बू में रह रहे हैं।
एक निवासी तायरा ने कहा, "हमारा ज्यादातर सामान अंदर है। हम बड़ी मुश्किल से कुछ चीजें निकाल पा रहे। महिलाएं कई सारी समस्याओं का सामना कर रही हैं क्योंकि शौचालय नहीं हैं।" आवारा कुत्ते भी बढ़ते पानी से बचने के लिए सुनसान घरों की सीढ़ियों पर चढ़ गए हैं। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "परिवारों के पास न तो भोजन था और न ही बर्तन, और वे केवल बिस्कुट और बन से काम चला रहे हैं।
हम अपने लिए आवश्यक खाना भी नहीं ला सके और अब हमारे पास खाना पकाने की कोई सुविधा भी नहीं है। हम कियोस्क से जो कुछ भी खरीद सकते हैं, उसी पर जीवित रह रहे हैं।" लोग कमर तक भरे पानी में अपने बुजुर्ग माता-पिता की मदद करते देखे गए, जबकि कुछ लोग सड़क किनारे छोटे-छोटे तंबुओं में अपनी बची-खुची चीजें लेकर बैठे रहे।
कारें, मोटरसाइकिलें और फर्नीचर पानी में डूब गए, जबकि कई निवासी दूर खड़े असहाय होकर अपने घरों को डूबते हुए देख रहे थे। मोनेस्ट्री मार्केट के दुकानदार सचिन यादव ने कहा, "हमारी दुकान कल से बंद है। पूरा परिवार इसपर ही निर्भर है। पानी कम होने में कई दिन लगेंगे और तब तक हमारी आमदनी नहीं होगी।"
यमुना बाजार में स्थिति ऐसी नजर आ रही थी जैसे घर और दुकानें नदी के बीच में हों। दुकानदार रोहित कुमार ने कहा, "अभी महीना शुरू ही हुआ है और हमारी कमाई खत्म हो चुकी है। पानी कम होने के बाद भी हमें किराया देना है और सब कुछ फिर से व्यवस्थित करना होगा।"
इसी तरह, बदरपुर में भी बाढ़ के पानी के ऊपर घरों की छतें मुश्किल से दिखाई दे रही थीं। एक निवासी आसिफ अपने सिर पर सामान रखे खड़ा था। उसने कहा, "मैंने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहने के लिए सालों की मेहनत से यह घर बनाया था, और अब यह पानी में डूबा हुआ है। हम कहां जाएं? अब भी लोग अंदर फंसे हुए हैं।"
दिल्ली में पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर बुधवार अपराह्न एक बजे यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर तक बढ़ जाने के कारण निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से 7,500 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। निकाले गए लोगों को 25 स्थानों पर ठहराया गया है, जहां राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पांच जिलों - पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और मध्य दिल्ली से 7,500 से अधिक लोगों को निकाला गया है। उन्हें 25 जगहों पर बने राहत शिविरों में पहुंचाया गया है, जिनमें तंबू, स्कूल आदि शामिल हैं।’’ दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को निकासी के निशान को पार कर गई थी, जहां जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया था और तब से इसमें वृद्धि हो रही है।
जलस्तर बढ़ने के कारण, जिला प्रशासन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है और ओआरबी को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है। पूर्वानुमान के अनुसार जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है।’’ सुबह आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से नदी में 1.62 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाहरी रिंग रोड पर यातायात परिवर्तित
दिल्ली यातायात पुलिस ने वासुदेव घाट पर यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर बुधवार को यातायात परिवर्तित किए जाने की घोषणा की, जिससे मजनू का टीला से सलीमगढ़ बाईपास तक बाहरी रिंग रोड पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। पुलिस के अनुसार, बाहरी रिंग रोड और आसपास के हिस्सों पर यातायात बाधित होने की आशंका के कारण वजीराबाद-सिग्नेचर ब्रिज और चंदगी राम अखाड़ा-आईपी कॉलेज रेड लाइट पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों से मोड़ दिया गया।
प्रभावित मार्गों पर वाहनों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उनका मार्ग उसके अनुसार परिवर्तित किया जाएगा। यात्रियों को प्रभावित मार्गों से बचने और अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा पुलिस ने यातायात बाधित होने की आशंकाओं को देखते हुए वाहन चालकों से सड़क किनारे अपने वाहन खड़े करने से बचने का भी आग्रह किया है।
परामर्श में कहा गया है, ‘‘आपातकालीन वाहनों के लिए हर समय रास्ता छोड़ें।’’ साथ ही यह भी कहा गया कि सभी यात्री मौके पर तैनात यातायात कर्मियों के निर्देशों का पालन भी करें। वाहन चालकों से धैर्य बनाए रखने, यातायात नियमों का पालन करने और पुलिस के साथ सहयोग करने का भी अनुरोध किया गया।