नई दिल्ली, 16 फरवरी: दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन करने पर जेएनयू के पदाधिकारियों को एक नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अपने नोटिस में एडमिन ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन करने के लिए छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर 20 फरवरी तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू छात्र नेता की सोमवार तक प्रवेश रोकने के लिए कुलपति, उप-कुलपति, रजिस्ट्रार सहित स्टाफ अंतरिम दिशा निर्देश जारी किए हैं। अपने नोटिस में कोर्ट ने कहा है कि यदि छात्र उग्र आंदोलन या प्रदर्शन के दौरान हंगामा या सरकारी काम-काज में बाधा डालते हैं तो उन्हें कंट्रोल करने के लिए पुलिस की मदद ली जा सकती है।
वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार के अनुसार, विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कामकाज के मुख्य केंद्र पर अवैध तरीके से विरोध प्रदर्शन किया, जो विश्वविद्यालय और उच्च न्यायालय दोनों के आदेश के खिलाफ है। उन्होंने कल शाम विद्यार्थियों के विरोध प्रदर्शन को 'घेराबंदी' करार देते हुए उसकी निंदा की थी और उन पर एक अधिकारी के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया था।
गौरतलब है कि जेएनयू प्रशासन ने एक आदेश जारी कर कहा है कि यदि किसी किसी विद्यार्थी की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होती है तो उसकी छात्रावास सुविधा और छात्रवृत्ति/फेलोशिप जब्त कर ली जाएगी। इस आदेश के खिलाफ बीते कुछ दिनों से छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है।