सांस के लिए हांफ रहे शहर में पेड़ों की कटाई आखिरी उपाय होना चाहिए, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-हरित क्षेत्र को हटाने से पहले सोचिए...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 16, 2023 19:18 IST2023-06-16T19:17:32+5:302023-06-16T19:18:20+5:30

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने पाया कि भूमि वास्तव में सुंदर पेड़ों के साथ-साथ वन्यजीवों और पक्षियों के बसेरे वाला एक जैव-विविधता उद्यान बन गई है।

Delhi High Court says In City Gasping For Breath, Felling Of Trees Should Be Last Resort think before removing the green area | सांस के लिए हांफ रहे शहर में पेड़ों की कटाई आखिरी उपाय होना चाहिए, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-हरित क्षेत्र को हटाने से पहले सोचिए...

कोई अन्य वैकल्पिक स्थल उपलब्ध है, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए।

Highlightsकोई अन्य वैकल्पिक स्थल उपलब्ध है, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए। वसंत कुंज के सेक्टर-ए पॉकेट बी एंड सी में मौजूद भूखंड पर भूमि की सफाई और पेड़ों की कटाई से रोका जाता है।निजी बिल्डर और दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्माण के लिए आगे नहीं बढ़े का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने वसंत कुंज में एक निर्माण परियोजना के लिए हरित क्षेत्र को हटाए जाने पर रोक लगाते हुए कहा है कि सांस के लिए हांफ रहे शहर में पेड़ों की कटाई आखिरी उपाय होना चाहिए। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने पाया कि भूमि वास्तव में सुंदर पेड़ों के साथ-साथ वन्यजीवों और पक्षियों के बसेरे वाला एक जैव-विविधता उद्यान बन गई है।

न्यायाधीश ने कहा कि यदि परियोजना के लिए कोई अन्य वैकल्पिक स्थल उपलब्ध है, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए। अदालत ने 14 जून को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक, प्रतिवादियों को वसंत कुंज के सेक्टर-ए पॉकेट बी एंड सी में मौजूद भूखंड पर भूमि की सफाई और पेड़ों की कटाई से रोका जाता है।’’

इसने कहा, ‘‘सांस के लिए हांफ रहे शहर में पेड़ों की कटाई आखिरी उपाय होना चाहिए।’’ याचिकाकर्ता रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने अपनी याचिका में अदालत से निजी बिल्डर और दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्माण के लिए आगे नहीं बढ़े का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

क्योंकि इसके लिए कई पेड़ काटने पड़ेंगे। याचिकाकर्ता ने परियोजना को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। अदालत ने याचिका पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई तीन जुलाई तय की।

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