दिल्ली हाई कोर्ट ने शिक्षण शुल्क नहीं लेने का निर्देश देने से किया इनकार, कहा- ऑनलाइन पढ़ाना बच्चों का खेल नहीं

By भाषा | Updated: April 28, 2020 18:05 IST2020-04-28T18:05:55+5:302020-04-28T18:05:55+5:30

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति हरिशंकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें निजी स्कूलों को कोविड-19 से उपजे मौजूदा हालात को देखते हुए छात्रों से शिक्षण शुल्क नहीं लेने का निर्देश देने की मांग की गयी थी।

Delhi High Court refuses to give instructions not to charge tuition fee, says - teaching online is not a children's game, it is absurd to ask not to charge | दिल्ली हाई कोर्ट ने शिक्षण शुल्क नहीं लेने का निर्देश देने से किया इनकार, कहा- ऑनलाइन पढ़ाना बच्चों का खेल नहीं

कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsअदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया है कि कई निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के प्रयास स्वागत योग्य कदम हैं।स्कूलों और शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्रदान करने में तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से कक्षाएं लगाने में मेहनत से किये गये प्रयासों का न्यायिक संज्ञान लिया जा सकता है।

नयी दिल्लीदिल्ली उच्च न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को शिक्षण शुल्क नहीं लेने का निर्देश देने से इनकार करते हुए कहा कि ऑनलाइन पढ़ाना कोई बच्चों का खेल नहीं है और इसके लिए शिक्षकों को कक्षाओं से ज्यादा मेहनत करनी पढ़ती है। अदालत ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था से जुड़े सभी खर्चों समेत इसके लिए बड़ा ढांचागत बंदोबस्त करना पड़ता है, जिस पर शिक्षा प्रदान की जा सके और इन सब व्यवस्थाओं के बाद यह कहना कि स्कूलों को शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए, बेतुकी बात होगी।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति हरिशंकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें निजी स्कूलों को कोविड-19 से उपजे मौजूदा हालात को देखते हुए छात्रों से शिक्षण शुल्क नहीं लेने का निर्देश देने की मांग की गयी थी।

एक वकील ने यह याचिका दाखिल की थी। इसमें दिल्ली सरकार के 17 अप्रैल के आदेश को रद्द करने या इस सीमा तक बदलने का अनुरोध किया गया था कि यदि शिक्षण शुल्क वसूला जाता है तो वह भी स्कूल फिर से खुलने के एक उचित समय बाद लिया जाए।

अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया है कि कई निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के प्रयास स्वागत योग्य कदम हैं जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 2020-21 के शिक्षण सत्र के दौरान छात्रों को पाठ्यक्रम संबंधी नुकसान नहीं हो। पीठ ने कहा, ‘‘हम पूरे मन से इस भावना का समर्थन करते हैं।

स्कूलों और शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्रदान करने में तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से कक्षाएं लगाने में मेहनत से किये गये प्रयासों का न्यायिक संज्ञान लिया जा सकता है। नियमित कक्षओं में आमने-सामने छात्रों को पढ़ाने की ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में शिक्षकों के प्रयासों से दूर-दूर तक तुलना नहीं की जा सकती।’’  

Web Title: Delhi High Court refuses to give instructions not to charge tuition fee, says - teaching online is not a children's game, it is absurd to ask not to charge

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