Delhi High Court: बेटी की आबरू लूटने वाला पिता दोषी करार, कोर्ट ने दिया फैसला
By धीरज मिश्रा | Updated: May 15, 2024 11:47 IST2024-05-15T11:45:00+5:302024-05-15T11:47:12+5:30
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को पटल दिया है, जिसमें अपनी बेटी से बार-बार बलात्कार के आरोप में आरोपी पिता को ट्रायल कोर्ट ने साल 2019 में बरी कर दिया था।

फाइल फोटो
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को पटल दिया है, जिसमें अपनी बेटी से बार-बार बलात्कार के आरोप में आरोपी पिता को ट्रायल कोर्ट ने साल 2019 में बरी कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने जहां ट्रायल कोर्ट के फैसले को पटला वहीं, पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 और आईपीसी की धारा 506 और 323 के तहत दंडनीय अपराध के लिए उसे दोषी भी ठहराया। आरोपी पिता ने 2011-13 में दो साल तक अपनी नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार किया था।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता घटना के समय 10 साल की थी। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता के साथ गलत करने वाला कोई बाहरी व्यक्ति नहीं था। बल्कि घर का था। पीड़िता को लगा होगा कि उसे अपने पिता की गोद में आध्यात्म मिलेगा। लेकिन, उसे एहसास नहीं था कि पिता के रूप में वह एक राक्षस है। कोर्ट ने आगे कहा कि दुर्भाग्य से न तो वह और न ही उसकी मां पुलिस को घटना की रिपोर्ट करने के लिए पर्याप्त साहस जुटा सकीं। अगर वे तुरंत पुलिस के पास पहुंचे होते तो पीड़िता को हमेशा के लिए आघात से बचाया जा सकता था।
2013 में पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया था
पीड़िता ने 19 जनवरी 2013 को पुलिस से संपर्क किया और खुलासा किया कि उसके पिता काफी समय से उसका यौन उत्पीड़न कर रहे थे। उसने दावा किया कि एक दिन उसके पिता ने उसे स्कूल नहीं जाने दिया और दोपहर के समय वह उसके साथ घर पर अकेली थी, क्योंकि उसकी मां काम पर गई थी और उसका भाई स्कूल में था। उसके पिता ने उसे अपने पास सुलाया।
फिर उसने उसके निजी अंगों को छुआ और जब उसने विरोध किया तो उसने उसे डांटा। इसके बाद उसने उसका यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने यह भी खुलासा किया कि उसके पिता पिछले दो वर्षों से उसका शोषण कर रहे थे। 4 जनवरी 2013 को उसका यौन उत्पीड़न किया गया।