दिल्ली हाई ने छात्रावास की नई नियमावली को चुनौती देने वाली जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की याचिका पर विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया। वहीं, कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को आदेश दिया है कि पुराने फीस पर ही रजिस्ट्रेशन होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रेश में देरी होने पर छात्रों से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कोर्ट ने नई जेएनयू छात्रावास नियमावली को चुनौती देने के मामले में पक्षकार बनाए गए एचआरडी मंत्रालय और यूजीसी को भी नोटिस जारी किए। अदालत ने कहा कि नए अकादमिक वर्ष के लिए अभी तक पंजीकरण नहीं कराने वाले जेएनयू छात्र पुरानी छात्रावास नियमावली के तहत ऐसा कर सकते हैं।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों साकेत मून, सतीश चंद्र यादव और मोहम्मद दानिश ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में पिछले साल 28 अक्टूबर को जारी आईएचए की कार्यवाही के विवरण और 24 नवंबर को गठित उच्च स्तरीय समिति के अधिकार क्षेत्र और उसकी सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं।
याचिका में दावा किया गया था कि छात्रावास मैनुअल में संशोधन जेएनयू कानून, 1966 , अध्यादेश और हॉस्टल मैनुअल के प्रावधानों के विपरीत है । याचिका के मुताबिक, संशोधन के जरिए आईएचए में जेएनयूएसयू का प्रतिनिधित्व घटा दिया गया है।